जयपुर। करौली जिले के देवलेन गांव के रहने वाले पैरालंपिक खिलाड़ी सुंदर गुर्जर ने जापान के टोक्यो में 64.01 मीटर जेवलिन थ्रो कर कांस्य पदक जीत लिया है। सुंदर गुर्जर की इस सफलता से परिजन और गांव में खुशी का माहौल है। सुंदर गुर्जर के पदक जीतते ही परिजनों व ग्रामीणों ने एक-दूसरे को मिठाई बांटकर जीत की बधाइयां दी एवं पटाखे जलाकर खुशी का इजहार किया। सुंदर गुर्जर के पैतृक गांव देवलेन में ग्रामीण सुबह से ही टीवी के सामने बैठ गए थे। टीवी पर सुंदर गुर्जर का प्रदर्शन देखने के साथ ही ग्रामीण और परिजन पैरालंपिक में सफलता के लिए भजन-कीर्तन व पूजा-पाठ करते रहे। लोग सुंदर गुर्जर के प्रदर्शन को लेकर उत्साहित नजर आ रहे थे। सुंदर के बड़े भाई हरिओम गुर्जर और बृजेश गुर्जर ने सुंदर के कांस्य पदक जीतने पर खुशी जताई और कोच व देशवासियों का आभार जताया है।

सामान्य प्रतियोगी हो गया हादसे का शिकार, पर पैरालंपिक में रच दिया इतिहास

सुन्दर के भाई ने बताया कि सुन्दर 2015 तक सामान्य वर्ग की प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेते थे। जयपुर के प्रसिद्ध कोच महावीर सिंह ने सुन्दर को विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया। उन्हीं की मेहनत का परिणाम था कि 2016 में उन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, लेकिन वर्ष 2016 में वह दुर्भाग्यशाली रहे जब ओलंपिक से कॉल रूम में लेट एंट्री के चलते बाहर हो गए थे। गुर्जर को रियो पैरालंपिक में टॉप करने के बावजूद बिना मेडल के ही घर जाना पड़ा था। उन्होंने अनाउंसमेंट कॉल सुनने में 52 सेकंड देर कर दी थी। इस कारण उन्हें इवेंट से डिस्क्वालिफाई घोषित कर दिया गया था।

इस बीच वे गांव में अपने दोस्त के घर गए थे, जहां आंधी में घर के आगे लगी टीनशेड उड़ कर सुंदर के ऊपर आ गिरी। इस हादसे में उनका बायां हाथ कट गया। इसके बाद उन्होंने पैरालंपिक प्रतियोगिता में भाग लिया और विजेता बन कर उभरे। गुर्जर अब एफ-46 भाला फेंक श्रेणी में भाग लेते हैं। खेल में विश्व रिकॉर्ड 63.97 मीटर था, लेकिन प्रशिक्षण में उनका 68-70 मीटर के बीच स्कोर रहा है। उन्होंने 16वीं सीनियर नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान 68.42 मीटर भाला फेंक नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। सुन्दर गुर्जर ने आखिरी प्रतियोगिता 2019 में दुबई वल्र्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया था। जहां उन्होंने टोक्यो 2021 के लिए टिकट कटाया था।

विश्व चैंपियनशिप में दो बार जीता गोल्ड

रियो में हुई घटना के बाद भी सुंदर के कदम नहीं डगमगाए। इसके अगले वर्ष लंदन में हुई वल्र्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जेवलिन थ्रो एफ-46 में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता। सुंदर ने इस दौरान 60.36 मीटर के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। वर्ष 2019 में दुबई में हुई वल्र्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीता। वर्ष 2019 में केंद्र सरकार की ओर से अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा एशियन पैरा गेम्स में सिल्वर एवं ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। 2018 में महाराणा प्रताप पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके है।

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