महासमुन्द जिले में ‘‘आपके द्वार आयुष्मान‘‘ अभियान का आयोजन 01 मार्च 2021 से 30 अप्रैल 2021 तक किया गया था। राज्य २ाासन के निर्देशानुसार यह अभियान अब पुनः लोक सुविधा केन्द्र (च्वॉइस सेंटरों) में पात्र हितग्राहियों के पंजीयन की तिथि में बढ़ोतरी की गयी है। अब हितग्राहियों का पंजीयन च्वॉइस सेंटरों में 31 अगस्त 2021 तक किया जा रहा है। इस अभियान के तहत् प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत पात्र परिवारों का लोक सुविधा केन्द्रों में निः शुल्क पंजीयन किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिले में इस योजना के तहत् जिले के कुल 12,65,124 हितग्राहियों में से अब तक 6,11,553 हितग्राहियों ने अपना पंजीयन कराया हैै। माह मार्च और अप्रैल में किए गए पंजीयन में प्राप्त 1,93,923 आयुष्मान कार्ड का वितरण २ाुरू हो गया है। इस योजना २ाुभारम्भ से अब तक जिले के पंजीकृत सरकारी/गैर सरकारी चिकित्सालयों में 35,588 विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त लोगों ने अपना ईलाज करवाया।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने लोगों से अपील की है कि इस योजना में अपना पंजीयन कराकर लाभ उठाएं। जिले के जनप्रतिनिधि, समाजसेवी लोगों ने भी जिले की जनता से अपील की है कि वे 31 अगस्त से पहले लोक सेवा केन्द्रों में जाकर आयुष्मान कार्ड के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा लें। इस योजना में अन्त्योदय एवं प्राथमिकता राशन कार्डधारी परिवारों को रू. 5 लाख तक एवं शेष ए.पी.एल. परिवारों को रू. 50 हजार तक की स्वास्थ्य सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान है। कलेक्टर ने कहा कि इस योजना के तहत् ईलाज कराए जाने पर यदि कोई सरकारी या गैर सरकारी अस्पताल अतिरिक्त राशि मांग करता है तो इसकी सूचना सहायता केन्द्र के टोल फ्री नम्बर 104 या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में दे सकते है।
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पूर्व में जिस लोक सेवा केन्द्र में अपना पंजीयन कराया है, वहीं से पुनः बायोमेट्रिक ऑथेंटीकेशन उपरांत प्लास्टिक आयुष्मान कार्ड प्राप्त कर सकेगें। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनांतर्गत समाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना 2011 की चयनित श्रेणियों में सूचीबध्द परिवारों को प्रति वर्ष 05 लाख रूपए तक की स्वास्थ्य सहायता प्रदान की जाने का प्रावधान है। साथ ही राज्य शासन द्वारा संचालित डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का संचालन राज्य के खाद्य विभाग द्वारा जारी राशनकार्ड के आधार पर किया जा रहा है।