किडनी  शरीर का आवयश्यक भाग है।  इसका मुख्‍य काम शरीर से वेस्‍ट मटेरियल को फिल्‍टर कर बाहर निकालना है और शरीर में कैमिकल फ्री और हेल्‍दी ब्‍लड की सप्‍लाई को बैलेंस करना है. जब इस पर  जरूरत से ज्‍यादा प्रेशर पड़ता है तो कई बार इसके फेल होना का खतरा बढ़ जाता है.इसका सबसे बड़ा कारन हमारी भागदौड़ से भरे जीवन शरीर पर ध्यान न देना और जल्दबाज़ी में कई  गलतियां कर बैठना। विशेषज्ञों के अनुसार किन कारणों से हो सकती है किडनी ख़राब।

इन आदतों से खराब हो सकती है किडनी

कम पानी पीना

अगर आप भी कम पानी पीते हैं तो ये आदत जल्द से जल्द सुधार लें. आपको दिन भर में कम से कम 15 गिलास पानी पीना चाहिए, क्योंकि किडनी का फंक्शन पानी पीने पर काफी हद तक निर्भर करता है. अगर आप कम पानी पीते हैं तो किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि खून साफ करने और खराब चीजों को शरीर से अलग करने में पानी की बड़ी भूमिका होती है और यह काम किडनी करती है.

ज्यादा नमक का सेवन करना

अगर आप भी जरूरत से ज्यादा नमक खाते हैं तो ये आदत बदल लीजिए, क्योंकि जो लोग ज्यादा नमक खाते हैं, वे खुद अपनी किडनियों को खराब करने के लिए जिम्मेदार होते हैं. अधिक नमक लेने से शरीर में सोडियम बढ़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है. इससे किडनी पर भी गहरा असर पड़ता है. डॉक्टर सलाह देते हैं कि दिन में 5 ग्राम से अधिक नमक का सेवन न करें.

धूम्रपान एवं तम्बाकू का सेवन

अगर आप भी धूम्रपान एवं तम्बाकू का सेवन करते हैं तो इन्हें बिलकुल छोड़ दें. क्योंकि इनके सेवन से ऐथेरोस्कलेरोसिस रोग भी होता है, जिसकी वजह से रक्त नलिकाओं में रक्त का बहाव धीमा पड़ जाता है और किडनी में रक्त कम जाने से उसकी कार्यक्षमता घट जाती है.

ज्यादा वक्त क पेशाब रोकना

कई लोग लंबे समयं तक पेशाब रोककर रखते हैं. ऐसा करने पर मूत्राशय कई घंटों तक मूत्र से भरा रहता है और काफी देर तक उसे रोके रहने की वजह से आगे चलकर यह किडनी को भारी नुकसान पहुंचाता है. इसलिए जब आपको लगे पेशाब जाना चाहिए 100 काम छोड़कर पेशाब जाएं.

ज्यादा पेनकिलर का प्रयोग

कई लोग थोड़ा भी दर्द होने पर पेनकिलर खा लेते हैं, जो शरीर और किडनी के लिए बहुत ही नुकसानदेह है. ये आदत आपकी किडनी को खराब तक कर सकती है. ऐसे में डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं की खरीद से बचें.

किडनी खराब होने लक्षण

पीठ में दर्द, यूरिन के रास्ते कभी-कभी खून आना.

यूरिन की मात्रा कम-ज्यादा होना.

यूरिन के दौरान जलन होना या दर्द होना.

रात के समय ब्लडप्रेशर कम या ज्यादा होना.

किडनी वाली जगह पर दर्द महसूस होना.

पैरों में सूजन आना, थकान महसूस होना.

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