7 मार्च को जिले के जावंगा ऑडिटोरियम में प्रथम बार ’’टेडेक्स दन्तेवाड़ा’’ के अन्तर्गत देश के उन चुनिंदा प्रेरणादायक और परिवर्तनकारी वक्ताओं के विचार मंथन कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से प्रेरणादायक वक्ताओं ने भाग लिया, जिन्होंने संघर्ष, नवाचार और सामाजिक बदलाव से जुड़ी अपनी कहानियाँ साझा किया। इस अभूतपूर्व आयोजन ने विचारकों, समाज सुधारकों और स्थानीय नेताओं को एक मंच पर लाकर उनके प्रेरणादायक और परिवर्तनकारी विचारों को साझा करने का अवसर दिया। इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव राय, जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा, के अलावा दंतेवाड़ा और आसपास के जिलों के छात्रों, शिक्षकों और समुदाय के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। ’’टेडेक्स’’ मूलतः  स्वतंत्र रूप से आयोजित कार्यक्रम है। जो स्थानीय, भौगोलिक क्षेत्र पर केंद्रित स्थानीय सभा होती है जहाँ वार्ताएं और प्रस्तुतियाँ समुदाय के साथ साझा की जाती हैं।

कुल मिलकर इस आयोजन में जोर दिया गया कि ’’टेडेक्स’’ जैसे मंच ग्रामीण भारत में भी सकारात्मक बदलाव लाने और नए विचारों को आगे बढ़ाने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।  इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से आए वक्ताओं में ट्रांसजेंडर अधिकार कार्यकर्ता, विद्या राजपूत, भारत के पहले डबल-अंप्यूटी पर्वतारोही, चित्रसेन साहू, लकड़ी की सुलेख कला विशेषज्ञ, अजय कुमार मंडावी, लेखक और शोधकर्ता, राजीव रंजन प्रसाद, चिकित्सा विशेषज्ञ, डॉ. सुनीता गोडबोले,  सामाजिक नेता देवाजी तोफा, एशियन गेम्स किकबॉक्सिंग सिल्वर मेडलिस्ट निरंजली सोनी, पद्मश्री सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता, फुलबसन बाई यादव, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फोटोग्राफर,विक्की रॉय, भूगादी के संस्थापक, आकाश बडावे, ‘बचपन बनाओ’ के संस्थापक  प्रनीत सिम्हा, ने हिस्सा लिया और नीति सुधार और समाज में समावेशिता के लिए अपने संघर्ष पर बात की। इस क्रम में भारत के पहले डबल-अंप्यूटी पर्वतारोही, चित्रसेन साहू, ने अपनी अद्भुत साहसिक यात्रा और एवरेस्ट जैसी ऊँचाइयों को छूने के अपने अनुभव साझा किए। और लकड़ी की सुलेख कला विशेषज्ञ, अजय कुमार मंडावी, ने बताया कि इस कला के माध्यम से जेल के कैदियों को एक नई राह दिखाई गई और उन्हें समाज में पुनः स्थापित किया गया। लेखक और शोधकर्ता, राजीव रंजन प्रसाद, ने बस्तर और दंतेवाड़ा के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर पर चर्चा किया। एशियन गेम्स किकबॉक्सिंग सिल्वर मेडलिस्ट निरंजली सोनी, ने भारत में महिला एथलीट बनने की चुनौतियों, उनकी सफलता की यात्रा और खेलों में मानसिक ताकत की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए। पद्मश्री सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता, फुलबसन बाई यादव, ने अपने वक्तव्य में कहा कि उन्होंने 200,000 से अधिक ग्रामीण महिलाओं को संगठित किया और उन्हें शिक्षा, वित्तीय स्वतंत्रता और स्वच्छता अभियानों में सशक्त बनाया। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फोटोग्राफर, श्री विक्की रॉय, अपने फोटोग्राफी के कला के माध्यम से समाज के विसंगति को दुनिया के सामने लाया। इसके अलावा भूगादी के संस्थापक, आकाश बडावे, ने ऑर्गेनिक खेती और आदिवासी किसानों को शहरी बाजारों से जोड़ने के महत्व पर जोर दिया। वहीं बचपन बनाओ’ के संस्थापक प्रनीत सिम्हा, ने समुदाय आधारित शिक्षा और वैकल्पिक सीखने के नए मॉडलों पर अपने अनुभव साझा किए। कुल मिलाकर ’’टेडेक्स दन्तेवाड़ा’’ केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि विचारों और बदलाव की प्रक्रिया थी। इस कार्यक्रम में दंतेवाड़ा और आसपास के जिलों से आए सैकड़ों छात्रों की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि ज्ञान और नवाचार की ललक ग्रामीण क्षेत्रों में भी गहराई से मौजूद है। जिससे किसी भी क्षेत्र को नवाचार और प्रगति के केंद्र बनाया जा सकता है।

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