कृषि विज्ञान केन्द्र गरियाबंद तथा केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र गरियाबंद में किया गया। जिसमें कृषकों व कीटनाशी विक्रेताओं को रबी फसलों में लगने वाले कीट एवं बिमारियों की पहचान से अवगत कराते हुए विस्तृत रूप से इसके प्रबंधन हेतु एकीकृत कीट प्रबंधन विधियाँ जैसे- फेरोमोन ट्रेप, विभिन्न सुक्ष्मजीव आधारित कीट प्रबंधन के विषयों में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है। इसके साथ-साथ रासायनिक कीटनाशकों के छिड़काव में ली जाने वाली सावधानियों से भी अवगत कराया गया। ताकि कीटनाशकों से होने वाले हानिकारक प्रभाव से बचा जा सकें। मित्र कीटों की हमारी फसलों में आवश्यकताओं के बारे में भी प्रकाश डाला गया, किसानों से चर्चा के दौरान धान में लगने वाले दो प्रमुख कीटदृतनाछेदक एवं भुरा माहू के नियंत्रण की उपयुक्त जानकारी प्रदान की गई।
प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस पर कार्यक्रम की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर विकासखण्ड में किसानों के खेतों में भ्रमण का कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें ग्राम-कोपरा एवं भेण्ड्री में भारत सरकार एवं आईसीएआर के समन्वित तत्वाधान से लाँच एआई बेस्ड नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम का किसानों के खेतों में सफल परीक्षण किया गया। जिसके परिणामस्वरूप फूलगोभी में लगने वाले कीट की खेत में इस एप्प के माध्यम से पहचान करायी गयी एवं उसके निदान के बारे में भी विस्तृत जानकारी उक्त एप्प के द्वारा भी दी गई। धान में लगने वाले प्रमुख कीटों का भी इस एप्प के माध्यम से नियंत्रण के सुझाव दिये गये । किसानों से चर्चा के दौरान एनपीएसएस ए.आई बेस्ड को भी सभी प्रकार की कृषि से जुड़ी जानकारियों के लिये उपयुक्त बताया एवं इसके इस्तेमाल करने की भी बात स्वीकारी। सभी कृषकों ने अपने-अपने मोबाईल में इस एआई बेस्ड एप्प को डाउनलोड किया। इस दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. मनीष चौरसिया, उप संचालक कृषि श्री चंदन रॉय तथा सहायक पौध संरक्षण अधिकारी रिता सिंगारे, श्री तुषार मिश्रा उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान श्री मनीष आर्या, श्री प्रवीण जामरे तथा कन्हैयालाल मीणा ने भी कृषकों को फसल उत्पादन हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया।
