मजदूरी का काम करने वाला त्रिलोकराम यादव, श्रीमती बिसनी बाई ने कभी सोचा भी नहीं था कि उसे एक दिन अपने कच्चे खपरैल वाले घर से मुक्ति मिल जाएगी। गरीबी से जुझते हुए उसे अपने परिवार सहित बारिश के दिनों में हमेशा परेशानी उठानी पड़ी। कच्ची मिट्टी वाले घरों में बारिश की वजह से कभी भी छत से पानी टपकने लगता था, जिससे घर का जरूरी सामान भीग जाते थे। पानी से घर की दीवारे भी भीग कर उखड़ जाया करती थी। इन सबसे त्रिलोकराम की मुश्किलें और भी बढ़ जाती थी। उसे अपना काम छोड़कर घर का काम करना पड़ता था। अब जबकि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत शहरी क्षेत्र में पक्का आवास मिल गया है तो उनकी मुश्किलें दूर हो गई है। बरसात के दिनों में उन्हें न तो छत से पानी टपकने की चिंता सताती है और न ही अपना काम धंधा छोड़ना पड़ता है।
रायपुर जिले के बोरियाखुर्द में रहने वाले त्रिलोकराम यादव और बिसनी बाई ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी अंतर्गत उनका चयन पक्का मकान के लिए हुआ था। आवास की सम्पूर्ण राशि किस्तों में खाते में आने के साथ उनका पक्का मकान समय पर बनकर तैयार हो गया। त्रिलोकराम ने बताया कि वह अपने दो बेटों और बहू के साथ पक्के मकान में रहता है। पहले खपरैल वाले मिट्टी के घर में रहना होता था। उसने बताया कि मजदूरी का काम करने से वह केवल अपना घर ही बड़ी मुश्किल से चला पाता है। ऐसे में वह कभी सोच भी नहीं सकता था कि एक दिन उसका पक्का मकान होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में जब उसका नाम आया तो उसे विश्वास नहीं हो रहा था। आखिरकार उसका खाता खुलवाकर आवास निर्माण की राशि मकान के पूरा होने तक खाते में डाली गई। बोरियाखुर्द की ही बिसनी बाई ने बताया कि उसके पति मानु राम भी मजदूरी करते हैं। पक्का मकान का सपना कभी पूरा हो पायेगा, यह उन्होंने कभी सोचा नहीं था। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में जब नाम आया तो बहुत खुशी हुई। अभी पक्का मकान में रहने से उनकी कई परेशानी दूर हो गई। पहले बारिश के दिनों में छत से पानी टपकने से छोटे बच्चों को सम्हालने और घर का काम करने में भी परेशानी उठानी पड़ती थी। अब पक्का मकान के साथ अलग से बाथरूम और शौचालय भी बन गया है। जिससे कई परेशानी दूर हो गई है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डहरिया की पहल से आवास निर्माण हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्तियों को पट्टा वितरण, आबादी भूमि के पात्र हितग्राहियों को प्रमाण-पत्र का वितरण, कम समय अवधि में हितग्राहियों को किश्त प्राप्ति एवं आवश्यकता अनुरुप आसान किश्तों की व्यवस्था की गई है। सामाजिक, आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शासन ने स्पेशल प्रोजेक्ट की शुरुआत की है, जिससे ये समुदाय अब विकास की मुख्य धारा से जुड़ कर प्रगति की राह पर आगे बढ़ चले हैं।