छत्तीसगढ़ में मेयर, पार्षद, अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी घोषित होते ही कांग्रेस-बीजेपी में दावेदारों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। कांग्रेस में सबसे ज्यादा नाराजगी दिख रही है। इनमें रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर समेत 7 नगर निगम में कांग्रेस के मेयर-पार्षद दावेदार खुलकर विरोध कर रहे हैं, जबकि, बीजेपी में कुछ जगहों पर ही विरोध है। रायपुर निगम में सबसे ज्यादा मेयर के 28 दावेदार सामने आए हैं। धमतरी से 14, राजनांदगांव से 13 और कोरबा से 12 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। इसके अलावा वार्ड पार्षद दावेदारों की बात करें, तो रायपुर में 419, कोरबा में 314, राजनांदगांव में 285 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है। वहीं मुस्लिम उम्मीदवारों की बात करें तो कांग्रेस ने 10 नगर निगमों के 542 वार्डों में पार्षद के लिए 40 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं, जो 7.38 प्रतिशत है। वहीं भाजपा ने 542 वार्डों में सिर्फ 4 उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जो 0.73 प्रतिशत है। रायपुर निगम चुनाव में कांग्रेस ने इस बार कई MIC मेंबर को टिकट नहीं दिया है। इन्हीं में से एक बंटी होरा सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने की बात लिख चुके हैं। निर्दलीय जीतकर पार्षद बने और फिर कांग्रेस में आए जितेंद्र अग्रवाल भी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले, बिलासपुर में पार्षद टिकट कटने से नाराज नेता और कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क पर उतर गए। जमकर हंगामा किया था। इसके बाद पुतला भी दहन किया। राज्य बनने के बाद हुए चुनाव और नगर निगमों में अब तक के महापौर नोट: भिलाई-चरोदा, भिलाई, रिसाली और बीरगांव नगर निगम में चुनाव अलग समय पर होते हैं। ये काम आचार संहिता में नही हो सकेंगे

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