गंगालूर-मिरतुर के बीच बनी जिस सड़क का भ्रष्टाचार पत्रकार मुकेश चंद्रकार ने उजागर किया था, उस पर पीडब्ल्यूडी के ईई मधेश्वर प्रसाद ने घटना के 22 दिन बाद एफआईआर दर्ज करवाई। हत्या में शामिल ठेकेदार, उसके सहयोगियों व भाइयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 22 जनवरी को पूर्व ईई बीआर ध्रुव, एसडीओ आरके सिन्हा व सब इंजीनियर जीएस कोड़ोपी पर एफआईआर दर्ज की है। मालूम हो कि गंगालूर-मिरतुर सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा पत्रकार मुकेश चंद्रकार ने किया था, जिसके बाद इस सड़क का घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार सुरेश चंद्रकार, उसके भाई रितेश चंद्रकार, दिनेश चंद्रकार व सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को पहले ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। हत्या में ईई, एसडीओ व सब इंजीनियर को सहआरोपी बनाया है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 3 (5) के तहत ईई, एसडीओ व सब इंजीनियर के खिलाफ सामूहिक रूप से आपराधिक कृत्य करने, धारा 316 (5) के तहत सरकारी अफसर या कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार करने और धारा 318 (4) के तहत धोखाधड़ी व बेईमानी करते हुए अपराधों से जुड़कर संपत्ति हासिल करने के चलते एफआईआर दर्ज की गई है। पीडब्ल्यूडी ने करवाई थी सड़क निर्माण की जांच
पत्रकार मुकेश चंद्रकार ने गंगालूर-मिरतुर सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया था। इसके कुछ ही दिनों बाद 1 जनवरी को ठेकेदार के भाई रितेश चंद्रकार व सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके ने पत्रकार मुकेश की हत्या कर उनके शव को अवैध बाड़े में बने सेप्टिक टैंक में डाल दिया था। घटना ने तूल पकड़ा और ठेकेदार सहित हत्या के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं सड़क निर्माण की जांच के लिए भी पीडब्ल्यूडी ने विशेष टीम का बनाई थी।
