रायपुर सेंट्रल जेल में एक अफ्रीकन कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उसने पहले गमछे की रस्सी बनाकर सेल की रॉड में फंसाया, फिर फंदे पर झूल गया। बताया जा रहा है कि, जेल के अंदर खाने की खराब व्यवस्था को लेकर अफ्रीकन मूल के कैदी लगातार विरोध कर रहे थे। आशंका है कि यही इसकी वजह है। मामला गंज थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, मृतक कैदी का नाम पैट्रिक यूबीके बावको था। उसे पुलिस ने 30 अक्टूबर 2020 को एक ड्रग्स केस में जेल भेजा था। पैट्रिक पर आरोप था कि, नाइजीरियन गैंग से मुंबई के रास्ते ड्रग्स लाकर वह रायपुर में सप्लाई करवाता था। जिसके बाद रायपुर की कोतवाली पुलिस ने आरोपी को एनडीपीएस मामले में अरेस्ट किया था। पैट्रिक का मूल निवास लागोस नाइजीरिया है। लेकिन वह मुंबई में रह रहा था। वहीं से ड्रग्स की सप्लाई चैन ऑपरेट करता था। पहरेदारों को फंदे पर लटका दिखा अफ्रीकन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की दोपहर जेल के पहरेदार जब सेल के रूटीन चेक पर निकले। तो पैट्रिक अपने ही सेल पर फांसी के फंदे पर लटकता दिखा। जिसके बाद आनन फानन में जेल के अफसरों को सूचना दी गई। जेलकर्मी उसे उतारकर एम्बुलेंस की मदद से मेकाहारा अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसके मौत की पुष्टि कर दी। लाश का होगा पोस्टमॉर्टम पुलिस ने मृतक के परिजनों से संपर्क किया है। जिसके बाद पैट्रिक के परिजन भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद लाश उन्हें सौंपा जाएगा। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से अफ्रीकी मूल के कैदी जेल के भीतर खाने की व्यवस्था को लेकर लगातार विरोध कर रहे थे। लेकिन जेल प्रशासन समस्या दूर नहीं कर रहा था। आशंका है कि, इस वजह से परेशान होकर पैट्रिक में आत्महत्या कर ली होगी। हालांकि यह जांच का विषय है। जेल के भीतर गैंगवार से लेकर हत्या की कोशिश तक इससे पहले, रायपुर सेंट्रल जेल के भीतर कई ऐसी घटनाएं हो चुकी है। जिससे सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठते रहते हैं। सितंबर 2024 में एक विचाराधीन कैदी आसिफ खान और सजा काट रहे कैदी सैयद के बीच किसी बात पर विवाद हुआ था। जो बाद में गैंगवार में बदल गया। एक दूसरे पर नुकीली चीजों से हमला किया गया। जिसमें कुछ कैदी अस्पताल में भर्ती हुए थे। इसके अलावा जेल के भीतर चेकिंग में कई बार नशीली- प्रतिबंधित सामग्री पकड़ती है। लेकिन स्थिति जस की तस है। ऐसे कई वीडियो भी सामने आए हैं। जिसमें जेल के पहरेदार गंभीर मामले के आरोपियों को पेशी के बहाने बाहर ले जाकर होटलों में ऐश करवाते है। बता दें कि, सेंट्रल जेल के बाहर नवंबर 2024 में फायरिंग की भी घटना हुईं थी। जिसमें एक युवक बुरी तरह घायल हुआ था। इस मामले में पुलिस ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। कुछ भी बोलने से बच रहा जेल प्रशासन फिलहाल कैदी की आत्महत्या मामले में जेल प्रशासन के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। अभी तक उनका कोई बयान सामने नहीं आया है। ………………………………………… इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… शहजाद सुसाइड केस…भतीजा बोला- 27 घंटे थाने में बैठाया: रायपुर में कहा- सिपाही ने डेढ़ लाख रुपए मांगे; थाने में डील के लिए सीक्रेट-रूम रायपुर के सैलानी नगर निवासी शहजाद की आत्महत्या के बाद परिजनों ने थाने के बाहर शव रखकर करीब तीन घंटे तक प्रदर्शन किया। थाने का घेराव करने पहुंची भीड़ में जमकर चर्चा थी कि थाने में टीआई के पास कोई शिकायत लेकर जाओ तो वे सिपाही महेश के पास ही भेजते हैं। वह ज्यादातर समय थाने के पीछे अलग से बने कमरे में बैठता है और वहीं केस निपटाता है। पढ़ें पूरी खबर…