महासमुंद नगर पालिका में 13 साल पहले हुए सरकारी धन के कथित गबन मामले में कोर्ट का फैसला आया है। न्यायालय ने पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राशि महिलांग और उनके पति त्रिभुवन महिलांग को अग्रिम जमानत दी है। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पाण्डेय की अदालत में सुनवाई के दौरान अभियुक्तों के वकील जितेंद्र इदीकर ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। वकील ने यह भी स्पष्ट किया कि नगरी प्रशासन द्वारा की गई विभागीय जांच में राशि महिलांग के खिलाफ कोई आरोप प्रमाणित नहीं हुआ। सहायक ग्रेड के तीन कर्मचारी भी दोषमुक्त मामले में इससे पहले पुलिस ने सहायक ग्रेड तीन कर्मचारी सीताराम तेलक को गिरफ्तार किया था। लेकिन बाद में तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी की अपील पर राशि महिलांग को दोषमुक्त कर दिया गया था। इसी प्रक्रिया में सीताराम तिलक और ईश्वरीलाल साहू का प्रकरण भी खत्म किया गया। मामले में राजनीतिक द्वेष की भूमिका न्यायालय के इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि 13 साल पुराने इस मामले में राजनीतिक द्वेष की भूमिका रही, जिसका उद्देश्य तत्कालीन नपाध्यक्ष की छवि को नुकसान पहुंचाना था। विभागीय जांच में आरोपों के निराधार साबित होने के बाद अब न्यायालय से मिली यह राहत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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