कोंडागांव नगरपालिका चुनाव में भाजपा से नरपति पटेल, कांग्रेस से नरेंद्र देवांगन और निर्दलीय प्रत्याशी नीलकंठ शार्दुल ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। नरपति, नरेंद्र और नीलकंठ तीनों प्रत्याशी एक ही राशि के है जिससे मुकाबला और भी रोचक हो गया है। कांग्रेस भाजपा उम्मीदवारों के साथ इस बार निर्दलीय प्रत्याशी भी किस्मत आजमाने जोर शोर के साथ मैदान पर उत्तर पड़े है। चुनाव में इनका फैसला 22 वार्डों के 25 हजार 950 मतदाता करेंगे। देवांगन समाज की महत्वपूर्ण भूमिका चुनाव में देवांगन समाज की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि उनका वोट प्रतिशत अधिक होने से किसी भी प्रत्याशी की किस्मत बदल सकती है। इस बार कई दिग्गजों ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकी है, जिनमें कांग्रेस से निष्कासित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव मनीष श्रीवास्तव भी शामिल हैं, जिन्होंने 15 वार्डों में अपने समर्थक प्रत्याशी उतारे हैं। भाजपा से नरपति पटेल को टिकट कोंडागांव पालिका अध्यक्ष के लिए पिछड़ा वर्ग सीट होने से भाजपा से नरपति पटेल को टिकट देकर मैदान मे उतारा है। इनकी योग्यता एम. ए.,और बी. पी. एड. की है। पूर्व मे उनकी पत्नी स्व हेमकुंवर पटेल नगर पालिका अध्यक्ष रही है। पार्टी से निष्कासन के बाद फिर वापसी कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र देवांगन पूर्व एल्डरमैन हैं, इनकी योग्यता 10वीं पास है, इन्हें एक समय पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित भी किया गया था। जिसके बाद एक बार फिर कांग्रेस ने नरेंद्र देवांगन पर अपना भरोसा दिखाया है। वीआरएस लेकर चुनावी मैदान में उतरे निर्दलीय प्रत्याशी नीलकंठ शार्दुल एम. ए. पास शिक्षक है। नौकरी से वीआरएस लेकर उन्होंने चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है। भाजपा से टिकट मांगे थे टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे लड़ रहे है। इन्होंने 15 वार्डों में प्रत्याशी खड़े करवाया है। चुनाव परिणाम हो सकता है प्रभावित पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर दोनों प्रमुख दलों के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों की मजबूत उपस्थिति से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। ऐसे में टिकट नहीं मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं का मौन परिणाम को प्रभावित कर सकता है।