बॉलीवुड एक्टर आशुतोष राणा ने कहा कि लोगों को रावण से सीख लेनी चाहिए। शत्रुता हमेशा योगी व्यक्ति के साथ करनी चाहिए। क्योंकि आपके मित्रों को देखकर कोई आपके व्यक्तित्व का आकलन नहीं कर सकता। आपका दुश्मन जितना पड़ा होगा, ख्याति और गरिमा उतनी बड़ी होगी। आशुतोष राणा ने ये बातें रायपुर में दैनिक भास्कर के 36 वर्ष पूरा होने पर आयोजित ‘हमारे राम’ के मंच से कही। उन्होंने बताया कि हमारे राम का यह 151वां एपिसोड था। राणा और उनकी टीम ने रामायण के अनछुए प्रसंग भी प्रस्तुत किए। पढ़िए आशुतोष राणा ने और क्या कहा ?…. सवाल- हमारे राम, मंचन का आइडिया कैसे आया और रावण का किरदार क्यों चुना ? जवाब- आशुतोष राणा ने कहा कि भारत का चित्र चरित्र और चिंतन वह मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम पर आधारित है। हजारों वर्षों के सिविलाइजेशन में हम देखें तो त्रेता युग, द्वापर युग हुआ परमात्मा श्री कृष्ण भी आए। महादेव का अस्तित्व है। बुद्ध भी आए और महावीर भी आए। लेकिन जब भी हम श्रेष्ठतम शासन की बात करते हैं तो हमारी कल्पना के पायदान पर पहले नंबर पर रामराज की बात आती है। इसका मतलब यह है कि भगवान श्री राम का जीवन चरित्र सामाजिक उत्थान के लिए आवश्यक होता है। रामायण के ऊपर आधारित मूल्य की बातें रामायण के अंतर्गत हैं। वाल्मीकि रामायण, तुलसीदास जी की रामायण, आदि रामायण, आध्यात्मिक रामायण सभी में ये बातें हैं। आशुतोष राणा ने कहा कि परमात्मा श्री राम को अगर जानना है तो आप उनके 360 डिग्री के व्यक्तित्व को देख सकते हैं। रावण का किरदार वही व्यक्ति कर सकता है, जो परमात्मा श्री राम को बहुत अच्छे से समझता हो। परमात्मा श्री राम को शत्रु या मित्र भाव से भी याद करो तो उनकी उपस्थिति जरूर आपके साथ रहेगी। रावण से आप यह सीख ले सकते हैं कि शत्रुता हमेशा अपने से योगी व्यक्ति के साथ करनी चाहिए। जितना बड़ा शत्रु होगा उतनी आपकी ख्याति होगी। शत्रु जो है वह तिरस्कार का नहीं परिष्कार का विषय होता है। यही रावण से आप और हम सीख ले सकते हैं। सावल- स्कूलों में सनातन या भगवान राम के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए, हां तो क्यों ? जवाब- आशुतोष राणा ने कहा कि मेरा यह मानना है कि स्कूल की शिक्षा और जीवन की शिक्षा दोनों अलग है। जब आप इसे व्यापार से जोड़ देंगे तो ये जीवन का विषय है जीविका का विषय नहीं है। क्योंकि जब हम छठवीं और सातवीं की पढ़ाई करते हैं तब आज तक हमें वह सिलेबस याद होना चाहिए। इसलिए मेरा यह मानना है कि यह जीवन का विषय है जीविका का विषय नहीं है। सवाल- मौका मिले तो शिक्षा पद्धति में आप क्या बदलना चाहेंगे ? जवाब- राणा ने कहा कि साक्षर होना और शिक्षित होना दोनों अलग-अलग है। मेरा मानना है जिस तरह से हम साक्षरता के ऊपर ध्यान दे रहे हैं। हमें शिक्षा की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। साक्षरता के चलते हम सिर्फ नंबर गेम में पढ़ रहे हैं। हम सिर्फ परिणाम के पुजारी हो गए हैं, लेकिन हमें संभावनाओं का कहीं ना कहीं ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा अपना मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति मैं गुण विशेष होते हैं, प्रत्येक व्यक्ति के गुणों के आधार पर शिक्षा हो जाए, जो उसके गुण के निखार से बच्चे और ज्यादा सफल होंगे। सवाल- कोई कविता या किताब जो आज के यूथ को जरूर पढ़नी चाहिए, और क्यों ? जवाब- हमारे साहित्यकारों ने बहुत अच्छा साहित्य लिखा है चाहे वह रामधारी सिंह दिनकर हो या सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, धर्मवीर भारती जैसे साहित्यकार रहे। हमें एक साहित्य की समझ लेनी है तो इन्हें पढ़ना चाहिए। तुलसीदास की रामायण भी देखेंगे तो वह भी एक साहित्य है। महाभारत भी साहित्य के अंतर्गत आते हैं। आप इनको पढ़ें तो आपको जीवन में काफी आनंद आएगा। हमारी समझ का विस्तार होगा। सवाल- फिल्म आ रही है छावा, विक्की कौशल की आपको इसमें औरंगजेब के कैरेक्टर्स के लिए अप्रोच किया गया था, फिर क्या हुआ ? जवाब- मैं छावा में हूं लेकिन छावा फिल्म में हम्मीर राव जो उनके कमांडर एंड चीफ है वह किरदार कर रहा हूं। ………………………. इससे संबंधित और भी खबर पढ़ें…. भास्कर उत्सव…आज रायपुर में होंगे एक्टर आमिर खान: बेटे जुनैद संग बॉलीवुड टॉक-शो में होंगे शामिल, शाम 5 बजे आएंगे; जल्द सीट कर लें रिजर्व रायपुर में दैनिक भास्कर की ऐतिहासिक सफलता को 36 साल पूरे हो गए हैं। इस खास अवसर को यादगार बनाने के लिए राजधानी में भास्कर उत्सव मनाया जा रहा है। इसी सिलसिले में आज बॉलीवुड टॉक शो का आयोजन किया जा रहा है। पढ़ें पूरी खबर…