रायपुर निगम चुनाव में इस बार कई MIC मेंबर को इस बार कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया है। इससे दावेदारी पेश कर रहे उम्मीदवारों में नाराजगी हैं। इन्हीं में से एक बंटी होरा सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने की बात लिख चुके हैं। निर्दलीय जीतकर पार्षद बने और फिर कांग्रेस में आए जितेंद्र अग्रवाल भी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी तरफ OBC आरक्षण के मुद्दे में घिरी भाजपा ने 35 सामान्य वार्ड से 17 OBC नेताओं को मौका दिया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही 70 वार्ड में अपने नेता उतार चुके हैं। दोनों ही दलों के टिकट बंटवारे से जुड़े फैक्ट पढ़िए इस रिपोर्ट में । पिछले चुनाव में भाजपा से 29 पार्षद जीते थे। इनमें से 24 रिपीट नहीं हुए हैं। अधिकांश नेता वार्ड में इस बार लागू हुई आरक्षण व्यवस्था की वजह से न इधर के रहे न उधर के। हालांकि कुछ के रिश्तेदारों को टिकट जरूर मिला है, तो ये कहा जा सकता है कि उनकी टिकट घर में ही रह गई। कुछ अपनी पत्नियों को चुनाव लड़वा रहे हैं, कुछ पत्नियों की जगह इस बार खुद मैदान में हैं। पिछली बार BJP की पार्षद रहीं मधु चंद्रवंशी के रिश्तेदार आशु चंद्रवंशी, सुनील चंद्राकर की पत्नी गायत्री को भाजपा ने टिकट दिया है। भाजपा से किनका कटा टिकट कांग्रेस के इन चर्चित पार्षदों को इस बार टिकट नहीं बंटी होरा, आकाश तिवारी, जितेंद्र अग्रवाल को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया है। अग्रवाल ने बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। आकाश तिवारी MIC में थे मगर इस बार टिकट हासिल नहीं कर पाए। कांग्रेस की निगम सरकार में MIC में रहे ज्ञानेश शर्मा को भी टिकट नहीं मिला है। हालांकि चर्चा थी कि वो खुद ही चुनाव से दूरी बना चुके हैं। सुरेश चन्नावर, समीर अख्तर, को भी टिकट नहीं दिया गया। MIC में रहे सतनाम पनाग, कुमान मेनन, सहदेव व्यवहार को इस बार फिर से टिकट मिला है। सुंदर जोगी की पत्नी रुखमणी, नागभूषण राव की पत्नी राधिका,अंजनी विभार के पति राधेश्याम विभार को टिकट दिया गया है।
रायपुर में BJP का एक भी मुस्लिम कैंडिडेट नहीं कांग्रेस ने आसिफ मेमन, कामरान अंसारी, शेख मुसीर, एजाज ढेबर जैसे मुस्लिम नेताओं को पार्षद का टिकट दिया है। लेकिन भाजपा की ओर से एक भी मुस्लिम कैंडिडेट मैदान में नहीं है। रायपुर में कई मुस्लिम नेता भाजपा के संगठन में सक्रिय हैं। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा में सैंकड़ों की तादाद में मुस्लिम नेता हैं। हालांकि वार्ड के चुनाव में खुलकर किसी ने BJP में दावेदारी नहीं की। दिलचस्प बात ये है कि रायपुर शहर के बीच के हिस्से में आने वाली दक्षिण विधानसभा से हर बार कई मुस्लिम कैंडिडेट निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं। कांग्रेस से 20 OBC को मौका सामान्य वर्ग के 35 वार्ड से कांग्रेस ने 20 के करीब OBC और अल्पसंख्यक नेताओं को मैदान में उतारा है। रायपुर के मौजूदा आरक्षण व्यवस्था में 23 OBC, 9 SC और 3 वार्ड को ST आरक्षित किया गया है। क्या है टिकट कटने की वजह भाजपा और कांग्रेस ने कई नेताओं के टिकट इस वजह से भी कटे क्योंकि उनके वार्ड आरक्षण की दूसरी श्रेणियों में चले गए। जैसे अब तक रायपुर के महापौर रहे एजाज ढेबर मौलाना रऊफ वार्ड से पिछली बार पार्षद बने थे। इस बार ये वार्ड सामान्य महिला कैटेगरी में चला गया है, सोमवार-मंगलवार देर रात 3 बजे तक कांग्रेस ये तय न कर सकी कि यहां से किसे टिकट दें। एजाज ढेबर को भगवती चरण शुक्ल वार्ड से टिकट मिला है। इनके सामने भाजपा से अमर गिदवानी चुनाव लड़ेंगे। इसी तरह भाजपा के सीनियर पार्षद मृत्युंजय दुबे सुंदर नगर वार्ड के महिला के लिए आरक्षित होने की वजह से टिकट न पा सके। पड़ोस के वार्ड से भी उन्हें मौका नहीं मिल सका। कन्हैया लाल बाजारी वार्ड से भाजपा के पार्षद रहे विनोद अग्रवाल को वार्ड OBC वर्ग के लिए आरक्षित होने की वजह से टिकट नहीं मिला। पिछली बार क्या रहा था नतीजा

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