छत्तीसगढ़ के उत्तरी इलाके वाले सरगुजा संभाग की दो बड़ी नदियों कन्हर और ईब नदी में जल मार्ग शुरू होगा। कन्हर झारखंड और ईब नदी ओडिशा को छत्तीसगढ़ से जोड़ती है। दोनों नदियों में करीब डेढ़ सौ किमी जल मार्ग के लिए क्रूज चलेंगे। पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब छत्तीसगढ़ जलमार्ग से दूसरे राज्यों को जोड़ेगा। इससे परिवहन के साथ पयर्टन को बढ़ावा मिलेगा। जलमार्ग के लिए मास्टर प्लान का काम शुरू हो गया है। कन्हर और ईब के अलावा तीन और नदियों महानदी, इंद्रवती और शबरी नदी को इस योजना में जोड़ा गया है। ‘जल मार्ग से नव निर्माण देश लेगा नई उड़ान’ केंद्र सरकार की इस सोच पर जल मार्ग के लिए काम किया जा रहा है। इस योजना को लेकर पिछले दिनों असम के कांजीरंगा में केंद्रीय पोत परिवहन और जल मार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जलमार्ग परिषद बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सिंचाई मंत्री केदार कश्यप की पहल से छत्तीसगढ़ की नदियों को जल मार्ग के लिए शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन की ओर से इस बैठक में जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदेश के प्रस्ताव की जानकारी दी गई। पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद जल मार्ग के रास्ते छत्तीसगढ़ परिवहन और पर्यटन को बढ़ाने के लिए इस पर काम कर रहा है। आवागमन के अलावा माल परिवहन के लिए सबसे कम खर्च जलमार्ग में लगता है। कन्हर को मिलेगा नया जीवन : जल मार्ग शुरू होने के बाद कन्हर जैसी नदियों को जहां नया जीवन तो मिलेगा ही कन्हर के पानी का छत्तीसगढ़ को बड़ा लाभ मिलेगा। गर्मी में कन्हर नदी सूख जाती है। जल मार्ग के लिए नदी में बैराज बनाया जाएगा जिससे बारहों महीने पानी उपलब्ध रहेगा जिसका उपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा।

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