खैरागढ़ नगर पालिका में विकास के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है। कांग्रेस विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन के निरीक्षण में पता चला कि एक करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए चार तालाब पूरी तरह से सूखे पड़े हैं। वार्ड 12, अमलीपारा में 23.91 लाख रुपये खर्च कर बनाए गए तालाब की स्थिति दयनीय है। तालाब की चारदीवारी अधूरी है और जो बनी है वह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। बोरिंग तो की गई, लेकिन पंप मशीन नहीं लगाई गई। बिजली के खंभे और लाइट का काम भी सिर्फ कागजों में ही रह गया। इसी तरह लालपुर, मोंगरा और जयराम तालाब की भी स्थिति खराब है। इन सभी तालाबों पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन न तो वार्डवासियों को पीने का पानी मिल रहा है और न ही मवेशियों के लिए पानी की व्यवस्था हो पाई है। वार्ड 13, धनेली में 80 लाख रुपये की लागत से बनाया गया खेल मैदान भी अब खेत में तब्दील हो चुका है। मैदान में न तो समतलीकरण हुआ, न बाउंड्री वॉल बनी और न ही स्टेडियम का निर्माण हुआ। विधायक प्रतिनिधि के अनुसार, ठेकेदारों को बिना सत्यापन के ही लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया, जबकि एस्टीमेट के अनुसार काम पूरा नहीं हुआ। खेल मैदान में बने कमरों की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें हैं, और गुणवत्ता के नाम पर केवल दिखावा किया गया है। विधायक प्रतिनिधि अरुण भारद्वाज ने आरोप लगाया कि खेल मैदान के निर्माण में इस्तेमाल हुई मिट्टी मोंगरा तालाब की खुदाई से निकाली गई थी, और एक ही मिट्टी का दो जगह बिल लगाकर राशि का आहरण किया गया। शराबियों का अड्डा बन चुका है खेल मैदान नेशनल मैराथन खिलाड़ी संत निषाद ने खेल मैदान का हाल देखकर दुख जताया। उन्होंने कहा, “यहां खेल मैदान जैसा कुछ भी नहीं लगता। बाजू में जुताई हो रही है, पाइप बिखरे पड़े हैं, और ऐसा लग रहा है जैसे किसान खेती की तैयारी कर रहा हो। मैदान के अंदर शराब की खाली बोतलें, पानी के पाउच और डिस्पोजल का ढेर लगा हुआ है। यह मैदान खिलाड़ियों के बजाय शराब पीने वालों का अड्डा बन चुका है। फाइलें गायब, भ्रष्टाचार के संकेत मनराखन देवांगन ने तालाब निर्माण और खेल मैदान की दुर्दशा को देखते हुए नगर पालिका प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि तालाब निर्माण की फाइलें गायब हैं, जो स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती हैं। उन्होंने जिला कलेक्टर से पूरे मामले की जांच की मांग की है। वार्डवासियों की उपेक्षा अमलीपारा के वार्डवासी कमलेश वर्मा ने बताया कि सीसी रोड निर्माण के लिए कई बार शिकायत की गई, लेकिन काम नहीं हुआ। विधायक के हस्तक्षेप के बाद निर्माण स्वीकृत हुआ, लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष ने व्यक्तिगत द्वेष के कारण इसे रद्द कर दिया। आखिर कब होगी कार्रवाई तालाबों और खेल मैदान की यह दुर्दशा खैरागढ़ नगर पालिका की कार्यप्रणाली और विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को उजागर करती है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जनता के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। अब सवाल यह है कि प्रशासन इन मामलों में दोषियों पर कब कार्रवाई करेगा, और जनता को न्याय कब मिलेगा।

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