देश में शराब की बिक्री पर MRP से ज्यादा कीमत वसूल किए जाने की शिकायतें आम हैं लेकिन अब मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं हो सकेगा. सरकार ने इस मनमानी पर रोक लगाने के लिए नया मैकेनिज्म तैयार कर लिया है. आइये जानते हैं कि एमपी सरकार किस मैकेनिज्म के जरिए शराब दुकानदारों की मनमानी पर रोक लगाने जा रही है.
मध्य प्रदेश सरकार के मुताबिक राज्य में देशी-विदेशी शराब की 3,300 से ज्यादा दुकानें हैं. वहां पर 1 सितंबर से देशी और अंग्रेजी शराब की प्रत्येक खरीद पर लोगों को कैश रसीद दिया जाना अनिवार्य होगा. ऐसा न करने वालों पर आबकारी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में दुकानदार कहीं फर्जी रसीद न बनवा लें. इस पर लगाम लगाने के लिए उन्हें जिला आबकारी कार्यालय की प्रमाणित रसीद बुक दी जाएंगी. सभी दुकानदार इन रसीदों के नीचे कार्बन कॉपी लगाएंगे और ओरिजनल रसीद शराब (Liquor) खरीदने वालों को देंगे. उन्हें यह कॉर्बन कॉपी हर साल 31 मार्च, तक सुरक्षित रखनी होगी.
सरकार की इस पहल का शराब (Liquor) के शौकीनों ने स्वागत किया है. लोगों का कहना है कि आबकारी विभाग के इस फैसले से दुकानदारों की मनमानी पर रोक लग जाएगी. साथ ही राज्य में शराब की कीमतों में एकरूपता आएगी और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी. लोगों का कहना है कि सरकार को इन दुकानों पर CCTV कैमरे लगाने को भी अनिवार्य किया जाना चाहिए.
बताते चलें कि शराब (Liquor) दुकानदार अक्सर बोतल पर लिखी अधिकतम कीमत से भी 10-20 रुपये चार्ज करते हैं. इस मनमानी का कोई कारण नहीं बताया जाता. इस तरह की शिकायत मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) समेत सभी राज्यों में आम है. पिछले दिनों मध्य प्रदेश में जहरीली शराब पीने से कई लोग मारे गए थे. जिसकी जांच के लिए सरकार ने राजौरा कमेटी गठित की थी. उसी कमेटी ने शराब की प्रत्येक बोतल की बिक्री पर कैश रसीद दिए जाने की सिफारिश की थी.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के आबकारी आयुक्त राजीव दुबे ने कहा कि इस योजना के तहत शराब (Liquor) दुकानदार सभी ग्राहकों को खरीद पर रसीद देंगे. साथ ही उन्हें अपनी दुकान पर अपने इलाके के आबकारी अधिकारी का फोन नंबर भी लिखना होगा. इस नंबर पर कॉल करके लोग शराब की ज्यादा कीमत लिए जाने और अन्य मामलों की शिकायत कर सकेंगे. उन्होंने दावा किया कि सरकार की इस पहल से शराब की अवैध बिक्री के मामलों पर भी रोक लगेगी