छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी के कई खुलासे सामने आए है। वही कवासी के गिरफ्तारी के दौरान ED की ओर कोर्ट को बताया गया है। इस शराब सिंडेकेट में बड़े अधिकारियों की भूमिका भी रही है। ED की ओर से कोर्ट में पेश अपने दस्तावेज में बताया कि अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी से मिलकर बना शराब का सिंडिकेट रिटायर्ड IAS अधिकारी विवेक ढांड के संरक्षण में काम कर रहा था। और वे भी इस घोटाले के लाभार्थी थे। पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक ढांड का नाम सामने के आने बाद इस बात की भी चर्चा है कि जल्द ही इस मामले में उनसे भी पूछताछ हो सकती है। वही इस मामले में नई गिरफ्तारियां भी होगी। प्रदेश में हुए 2161 करोड़ के शराब घोटाले मामले में रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा , कारोबारी अनवर ढेबर, CSMCL के पूर्व MD एपी त्रिपाठी रायपुर की सेंट्रल जेल में है। कवासी से रोज हो रही पूछताछ पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से प्रवर्तन निदेशालय की टीम रोजाना पूछताछ कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 15 जनवरी को जब ED के अधिकारी लखमा को रिमांड में लेकर ED दफ्तर पहुंचे। उस दौरान उनकी रात बेचैनियों में गुजरी। कवासी रातभर सो नहीं सो नही पाए और उस रात उन्होंने ठीक से भोजन भी नहीं किया था। CCTV की निगरानी में हो रही पूछताछ 21 जनवरी को कवासी लखमा की ED रिमांड पूरी होगी। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से रिमांड अवधि खत्म होने के बाद स्पेशल कोर्ट से फिर से कस्टोडियल रिमांड मांगने की मांग की जाएगी। वही CCTV की निगरानी में कवासी लखमा से रोजाना पूछताछ की जा रही है। कवासी लखमा को डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब सभी दवाएं उपलब्ध कराने के से साथ डाइट चार्ज के हिसाब भोजन दिया जा रहा है। लखमा को हर महीने 2 करोड़ मिला कमीशन शराब घोटाला केस में ED की हिरासत पर चल रहे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर ED का आरोप है कि शराब कर्टल से हर महीने कवासी लखमा 2 करोड़ रुपए मिलते थे। ED के वकील सौरभ पांडेय ने कहा कि, 2 साल तक कार्रवाई चली जिसमें 36 महीने में प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड़ रुपए का है। ये राशि सुकमा में बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगी है।

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