स्वच्छता दीदीयां कचरा प्रबंधन से प्राप्त कर रही अतिरिक्त आय
स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से भारत को स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त बनाना है। यह अभियान स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देता है। इसका उद्देश्य अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करना और सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता को बढ़ावा देना है। स्वच्छ भारत अभियान को पूरे राष्ट्र के लिए एक जन-आंदोलन का रूप दिया गया है। लोग न तो स्वयं गंदगी करें और न ही दूसरों को करने दें, इसके लिए स्वच्छता दीदीयों द्वारा प्रेेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है।
धमतरी जिले के नगर पंचायत कुरूद की स्वच्छता दीदियां अपशिष्ट पदार्थाे से आय अर्जित कर रही हैं। दीदियां एक साल से कचरा बेचकर 3 लाख 24 हजार रुपए की अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की है। अनुबंधित कम्पनी से अनुमानित 55 हजार रूपये आना शेष है। घर-घर कचरा कलेवशन से मिले सूखा कचरा से यह फायदा उन्हें मिला है।
गौरतलब है कि नगर पंचायत कुरूद के 15 वार्डों में एक एसएलआरएम सेंटर है, जिसमें करीब 24 स्वच्छता दीदियां काम कर रहीं है। हर दिन सुबह दीदियां डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए निकल पड़ती हैं। इसके बाद पुट्ठा, प्लास्टिक से बने सामान, टीना-लोहा से बनी सामग्रियों, शीशी-बोतल, न्यूज पेपर यानी घरों से निकलने वाले कचरा लेती हैं। इसके बाद इस कचरे को एसएलआरएम सेंटर लाया जाता है। एसआरएलएम केंद्र में सुखे कचरों की छ्टनी की जाती हैं। इस छटनी में गीले कचरे से खाद बनाने का काम किया जाता है और सूखे कचरे को तोड़कर बड़ी-बड़ी बोरियों में पैक कर रख दिया जाता है। पुट्ठा को बेलिंग मशीन द्वारा बेल किया जाता है। इस सूखे कचरे को हर महीने स्वच्छता दीदीयों द्वारा संबंधित अनुबंधित फर्म को बेचा जाता हैं। एक एसएलआरएम सेंटर में 30 हजार से 50 हजार रुपए तक का सूखा कचरा हर माह बेचा जाता है। यह पैसा समूह के खाते में आता है, जिसके बाद दीदियां इस राशि को आपस में बांट लेती हैं। इस प्रकार हर महीने मानदेय के अतिरिक्त एक हजार 500 से दो हजार रूप्ये अतिरिक्त लाभ दीदियां अर्जित कर रहीं हैं।
लोगों के स्वास्थ्य में हो रहा सुधार
श्रीमती दुलारी बाई लहरे और श्रीमती भारती कुर्रे ने कहा कि सबसे बड़ी और सबसे सफल सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल में से एक स्वच्छ भारत अभियान पिछले 10 साल से चल रहा है। स्वच्छ भारत अभियान ने लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। इससे न केवल गांव अपितु शहरों में भी स्वच्छता में क्रांति आने सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो रहा है। लाखों शौचालय उपलब्ध कराकर, शिशु मृत्यु दर को कम करके और महिलाओं की सुरक्षा में सुधार होने से इस अभियान ने लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है।
स्वच्छता दीदी श्रीमती बिन्दा बघेल,श्रीमती उमा बंजारे और श्रीमती ममता बारले ने कहा कि इस अभियान ने खुले में शौच को खत्म कर, हर घर में शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराया है। ठोस और तरल अपशिष्टों का प्रबंधन, पेयजल की पर्याप्त और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित होनें, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार, जलजनित रोगों के खतरे को कम करने एवं स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है।