छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले को जल संरक्षण के क्षेत्र में प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। जिले की कलेक्टर नम्रता गांधी के नेतृत्व में किए गए अभिनव प्रयासों के लिए केंद्र सरकार ने धमतरी को इनोवेशन डिस्ट्रिक्ट श्रेणी में यह सम्मान मिलेगा। जिले में गंभीर जल संकट की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने जीआईएस तकनीक का अनूठा प्रयोग किया। गंगरेल सहित जिले के चार प्रमुख बांधों में भूजल स्तर के खतरनाक स्तर तक गिरने के बाद जिला प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। जल संरक्षण के लिए विशेष अभियान भूजल वैज्ञानिकों की मदद से व्यापक अध्ययन किया गया और जल संरक्षण के लिए विशेष रणनीति बनाई गई। प्रशासन ने जन-जागरूकता के लिए गांव-गांव में विशेष अभियान चलाया। जलजगार महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें 52 गांवों के जल से भगवान शिव का अभिषेक कर जल संरक्षण का संदेश दिया गया। ऐसे हुआ भूजल स्तर में सुधार किसानों को गर्मी में धान की खेती न करने के लिए प्रेरित किया गया। वाटर टेबल की निगरानी के लिए जीओ टैगिंग को कंप्यूटर सिस्टम से जोड़ा गया। इन सभी प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सामने आया और धमतरी में भूजल स्तर में सुधार देखने को मिला। राष्ट्रीय स्तर पर मिली मान्यता यह पुरस्कार जिले के लिए गौरव की बात है और जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए नवाचार को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि जल संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने वाले सामाजिक संगठनों, एनजीओ, व्यापारी और मिलर्स सहित जिलेवासियों के लिए जल संरक्षण की दिशा में यह पहला कदम है, हम सभी को मिलकर बहुत आगे जाना है।

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