छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में छोटे-बड़े करीब 300 से ज्यादा उद्योग संचालित हो रहे हैं। इनमें से कई उद्योगों में सुरक्षा मानकों की काफी कमी है और यही कारण है कि उद्योगों में कई हादसे हुए हैं। 4 सालों की बात करें तो उद्योगों में 95 हादसे हो चुके हैं और इसमें 66 लोगों की मौत और 50 मजदूर घायल हुए हैं। ये आकड़े औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के हैं। जिसमें 2023 को छोड़कर हर साल आकड़ें बढ़ते ही गए। सबसे ज्यादा घटनाएं साल 2024 में हुई और श्रमिकों के मौत की संख्या भी अधिक है। पिछले 2-3 माह की बात करे तो अक्टूबर माह में सिंघल प्लांट में लोहा गलाने वाले ग्लाइडर में एक मजदूर कूद गया था। इससे उसकी मौत हो गई थी। नवंबर में JSPL में गर्म फ्लाई ऐश गिरने से फीटर कर्मचारी की मौके पर मौत हो गई थी और साइड इंजीनियर गंभीर रूप से झुलस गया था। जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गया। नवंबर में पूंजीपथरा स्थित नवदुर्गा प्लांट में करीब 50 फीट की उंचाई से गिरकर एक ठेकेदार की मौत हो गई थी। इसके अलावा 18 दिसबंर को MSP फैक्ट्री में लोहे का छड़ पीठ में घुसने से फीटर कर्मचारी की मौत हो गई थी। इस तरह प्लांट्स में लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। जांच में मिली थी खामियां उद्योगों में हुई घटनाओं के बाद जब औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारी प्लांट्स में जांच के लिए पहुंचे, तो हर बार उन्हें खामियां मिली। ऐसे में प्लांट के उन यूनिटों के संचालन को तब तक प्रतिबंधित रखने की कार्रवाई की गई, जब तक सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त नहीं कर लिया जाता। इस संबंध में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के उप संचालक मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि उद्योगों में औचक निरीक्षण किया जाता है। सुरक्षा मानकों की जांच की जाती है। पिछले दिनों में उद्योगों में हुए हादसे के बाद जांच में वहां कई खामियां मिली थी। कार्रवाई भी की गई। हादसे न हो इसके लिए सुरक्षा के उपाए करने निर्देशित किया जाता है।