शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी हुई है। अरेस्ट होने के बाद लखमा ने अपने अनपढ़ होने का हवाला देते हुए कहा कि अफसरों ने जहां बोला वहां साइन कर दिया। जिसे लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि फाइलों में कोई डील नहीं होती। जिसे भ्रष्टाचार या कमीशन कहा जा रहा है, अगर ये होता है। तो इसे फाइल में कोई नहीं लिखता कि किसका कितना हिस्सा होगा। उन्होंने कहा कि फाइल में केवल नीति होती है। बाकी चीजें बाहर होती है। उन्होंने कहा कि समाज की सच्चाई ये है कि कोई भी शासन में रहता है तो 19-20 होता है। लेकिन उस वक्त जो सरकार में हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि जहां गलत हो रहा है वहां जाकर उसे रोक जाए। ED की कार्रवाई की प्रक्रिया को ही सजा बना दिया गया टीएस सिंहदेव ने कहा कि ED की कार्रवाई की प्रक्रिया को ही सजा बना दिया गया है। लंबे समय तक बेल नहीं होते केवल आरोप लगाए जाते हैं।उन्होंने कहा कि ED के पास अगर कोई साक्ष्य है। तो पहले गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को टारगेट करने के सवाल पर टीएस ने कहा कि भूपेश बघेल पहले से टारगेट में रहे हैं, चार्जशीट में भी उनका नाम है। उन्होंने कहा कि साक्ष्य है तो फिरआरोप क्यों लगाते हैं कार्रवाई क्यों नहीं करते ? सिंहदेव ने कहा कि महादेव ऐप को पर भी आरोप लगाए गए लेकिन साक्ष्य नहीं मिले। बघेल ने कहा छापे में 1 रु. भी नहीं मिले गुरुवार को दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भूपेश बघेल ने कहा कि कवासी लखमा के यहां छापे में 1 रुपए भी नहीं मिला। छापे में कागजात भी नहीं मिले, वैसे भी वे अनपढ़ हैं। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने सुशासन वाली सरकार के भ्रष्टाचार को उन्होंने उजागर किया। बात यहीं तक नहीं रुकी कुछ दिनों बाद बीजापुर में सड़क में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने पर एक पत्रकार मुकेश चंद्राकर को मौत के घाट उतार दिया गया।

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