देश के सबसे बड़े आध्यात्मिक महोत्सव महाकुंभ मेला के नाम पर साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साइबर ठगों ने हाईकोर्ट के डिप्टी एडवोकेट जनरल को अपना शिकार बनाया और फर्जी बैंक अकाउंट में पैसे जमा करा लिए। इस मामले की शिकायत पुलिस से की गई है। मामला चकरभाठा थाना क्षेत्र का है। थाना प्रभारी ओमप्रकाश कुर्रे ने बताया कि हाईकोर्ट के एडवोकेट डिप्टी जनरल सुनील काले और विनय पांडेय ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला जाने का प्लान बनाया। इसके लिए उन्होंने गूगल में सर्च कर कॉटेज बुक कराने के लिए वेबसाइट की जानकारी ली, जिसमें उन्हें प्रयागराज में अलग-अलग वर्ग के लिए कॉटेज उपलब्ध होने की जानकारी दी गई। इस पर उन्होंने ऑनलाइन प्रीमियम कॉटेज बुक करने के लिए प्रोसेस शुरू किया। फर्जी अकाउंट में जमा कराए पैसे, कॉटेज नहीं हुआ बुक
हाईकोर्ट ने दोनों डिप्टी एडवोकेट जनरल ने वेबसाइट पर दिए गए अकाउंट पर प्रीमियम कॉटेज के लिए अपने दो अकाउंट से करीब 69 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किया। उन्हें बताया गया कि कॉटेज बुक हो गया है। बाद में उन्होंने कंफर्म करने का प्रयास किया, तब पता चला कि उनके नाम पर कॉटेज ही बुक नहीं हुआ है। उन्हें बताया कि साइबर ठगों ने फर्जी अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करा लिया है। ठगी का मामला सामने आने पर उन्होंने मामले की शिकायत चकरभाठा थाने में की है। थाना प्रभारी कुर्रे ने बताया कि उनकी शिकायत पर जांच की जा रही है। प्रयागराज कुंभ मेले के नाम पर ठगी
हिंदू धर्म का प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महा कुंभ मेला है। देश के साथ ही देश के साथ ही दुनिया भर के लोग कुंभ मेले में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। ऐसे में तरह-तरह से ठगी करने वाले साइबर ठगों ने अब कुंभ मेले के नाम पर ठगी शुरू कर दी है। आमतौर पर ठग अनजाने नंबर से कॉल कर या फिर गुगल सर्च पर फर्जी वेबसाइट अपलोड कर या फिर डिजिटल अरेस्ट और गोपनीय जानकारी हासिल कर ठगी करते रहे हैं। इसके साथ ही साइबर ठग आरबीआई, बैंक, पुलिस, सीबीआई अफसर बनकर ठगी करते रहे हैं। अब ठग धार्मिक आयोजन और कुंभ मेले के नाम पर भी लोगों से ठगी कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। उन्हें सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे जन्मतिथि, पता, फोन नंबर और बैंक संबंधी विवरण साझा नहीं करने के साथ ही गूगल पर “कस्टमर केयर” जैसे सामान्य सर्च न करने की जानकारी दी जाती है। क्योंकि इससे आप साइबर ठगों के संपर्क में आ सकते हैं। सही जानकारी के लिए हमेशा अधिकृत वेबसाइटों या संस्थाओं के संपर्क माध्यम का उपयोग करें।

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