अंबिकापुर के मां महामाया मंदिर प्रवेश द्वार के उद्घाटन के एक सप्ताह बाद भाजपा ने इसका दोबारा लोकार्पण कराया। भाजपा के लोकार्पण कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी शामिल हुए। केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेसियों ने सत्ता के पांच साल सिर्फ नाच गाना किया। अब विपक्ष में हैं तो उनके पास विरोध करने का मुद्दा ही नहीं है। मां महामाया मंदिर के भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण 49.30 लाख रुपए की लागत से किया गया है। इसके लिए राशि पूर्ववर्ती सरकार में स्वीकृत की गई थी। राजस्थानी शैली में भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण नगर निगम द्वारा कराया गया है। इसका लोकार्पण 07 जनवरी को पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और कांग्रेस नेताओं ने विधिवत पूजा-पाठ कर किया था। एक सप्ताह बाद दोबारा लोकार्पण मां महामाया प्रवेश द्वार का बुधवार को दोबारा लोकार्पण भाजपा ने भव्य आयोजन के साथ कराया। मंत्री केदार कश्यप एवं लक्ष्मी राजवाड़े के साथ विधायक प्रबोध मिंज, राजेश अग्रवाल, रामकुमार टोप्पो, पूर्व सांसद कमलभान सिंह ने पूजा अर्चना के साथ प्रवेश द्वार का लोकार्पण किया। मंत्री का दावा-आधे-अधूरे द्वार का हुआ था लोकार्पण मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस ने आनन-फानन में लोकार्पण किया था। कांग्रेसियों को यह पता चल गया था कि उनकी सरकार नहीं बनने वाली है, इसलिए उन्होंने निर्माण पूरा किए बिना ही प्रवेश द्वार का लोकार्पण कर दिया था। महापौर डॉ.अजय तिर्की ने कहा कि भाजपाईयों ने अपने मंत्री को गलत जानकारी दी थी, जिसके कारण वे इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। इसका लोकार्पण सिर्फ एक सप्ताह पूर्व किया गया था। 5 साल सिर्फ नाच-गाना किया मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस के आरोपों को लेकर कहा कि जिसने बनाया, वह ही उद्घाटन करेगा। पांच साल की सत्ता के दौरान कांग्रेसियों ने सिर्फ नाच-गाना किया। उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है। मंत्री ने कहा कि अब वे विपक्ष की भूमिका में हैं, लेकिन उन्हें मुद्दा नहीं मिल रहा है। जितने काम उनकी सरकार में हुए थे उनमें भ्रष्टाचार हुआ। विरोध करते हैं तो उनकी सरकार का विरोध होगा। कांग्रेस ने राजनीति पर की निंदा पहले ही लोकार्पित हो चुके प्रवेश द्वार के फिर से लोकार्पण कार्यक्रम की कांग्रेस ने निंदा की है। निवर्तमान महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि 07 जनवरी को लोकार्पण कार्यक्रम को लेकर निगम की निर्वाचित बॉडी की पूर्ण सहमति थी। भाजपा सांसद और विधायकों के उपलब्ध नहीं होने के कारण 2 बार कार्यक्रम को टाला जा चुका था। उनसे चर्चा कर 7 जनवरी का कार्यक्रम तय किया गया था।

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