छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में कांग्रेसियों ने ओबीसी के आरक्षण में कटौती को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। महात्मा गांधी चौक पर कांग्रेसियों ने विरोध जताया और भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी नीति से छत्तीसगढ़ की आधी आबादी के साथ अन्याय हुआ है। धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसियों ने कहा कि भाजपा की सरकार द्वारा स्थानीय निकाय व पंचायत चुनाव में आरक्षण प्रावधानों में दुर्भावना पूर्ण संशोधन करने से अन्य पिछड़े वर्ग का आरक्षण खत्म होने की कगार पर आ चुका है। रायगढ़ ब्लाक में 84 पंचायतों में से 7 पंचायत ही ओबीसी आरक्षित हुई है। रायगढ़ जिले में एक भी जिला पंचायत सीट ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं है। उनका कहना है कि इस वजह से पंचायतों से जुड़े ग्रामवासियों में रोष व्याप्त है। आरक्षण प्रावधानों में किए गए इस दुर्भावना पूर्वक संशोधन के चलते अधिकांश जिला और जनपद पंचायतों में ओबीसी आरक्षण खत्म हो गया है। कांग्रेस का प्रस्ताव आज भी पेंडिंग
कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल शुक्ला ने कहा कि पंचायत का जो आरक्षण हुआ है। उसमें ओेबीसी वर्ग को लेकर बीजेपी ने जो नीति लायी है। इससे एक भी ओबीसी का जिला पंचायत अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य में आरक्षण नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग के साथ बहुत ज्यादा अन्याय किया जा रहा है। इससे पहले की कांग्रेस की सरकार ने 42 प्रतिशत आरक्षण की बात की थी और विधानसभा में प्रस्ताव पास कर राज्यपाल को भेजा था, पर वह प्रस्तावा आज भी पेंडिंग है।
OBC वर्ग ठगा महसूस कर रहा
ग्रामीण जिलाध्यक्ष नगेन्द्र नेगी ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने ओबीसी का आरक्षण को लेकर जो नीति लायी है। उससे ओबीसी का आरक्षण शून्य के जैसा हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक भी जिला पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं हो सका है। ऐसे में ओबीसी वर्ग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ओबीसी के नेतृत्व को खत्म करना चाहती है। यह सरकार प्रदेश की आधी आबादी के साथ अन्याय कर रही है।