बलरामपुर जिले के कुसमी ब्लॉक में गर्भवती महिला को पालकी के सहारे एंबुलेंस तक पहुंचाया गया। ग्राम पंचायत इदरीकला के काइखांड बस्ती में पक्की सड़क नहीं होने से गर्भवती महिला को झेलगी (पारंपरिक पालकी) में बैठाकर परिजन डेढ़ किलोमीटर पैदल चलते हुए इलाज के लिए ले गए। महिला को लेबर पेन उठने पर परिजनों ने तुरंत मितानिन की मदद से 108 एंबुलेंस को बुलाया, लेकिन बस्ती तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण गाड़ी खेत तक ही पहुंच पाई। परिवार के लोग महिला को झेलगी में बैठाकर वहां तक ले गए। घटना का वीडियो आया सामने इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें परिजन महिला को बांस और कपड़े के सहारे पालकी में बैठाकर एंबुलेंस तक लाते दिखाई पड़ रहे हैं। गांव में पक्की सड़क नहीं परिजनों के मुताबिक जब सुगंती कोडाकू नाम की गर्भवती महिला को अचानक तेज पेट दर्द शुरू हुआ तो उन्होंने एंबुलेंस बुलवाया, लेकिन मुख्य मार्ग से गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नही होने से घर तक गाड़ी नही पहुंच पाई। जिसके बाद पालगी में बैठाकर महिला को इलाज के लिए लेकर गए। पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना वर्तमान में महिला को जिला अस्पताल बलरामपुर में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। बता दें कि इससे पहले भी इसी तरह की तस्वीर सामने आई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के कामकाज पर सवाल उठाए हैं।