CGPSC घोटाले में गिरफ्तार डिप्टी कलेक्टर चुने गए 3 कैंडिडेट 1 DSP समेत पूर्व एग्जाम कंट्रोलर को आज रायपुर कोर्ट में पेश किया जाएगा। दरअसल पिछली सुनवाई के बाद कोर्ट ने पांच आरोपियों को 2 दिनों के लिए न्यायिक रिमांड पर रायपुर जेल भेज दिया था। आज न्यायिक रिमांड खत्म होने के बाद पांचों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान CBI ने सभी को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजने की मांग की थी। आज फिर CBI सभी आरोपियों को फिर से न्यायिक रिमांड पर भेजने की मांग करेंगी। इन्हें किया गया गिरफ्तार पीएससी के चेयरमैन रह चुके पूर्व आईएएस टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नितेश सोनवानी और साहिल सोनवानी और उद्योगपति श्रवण गोयल के बेटे और बहू शशांक गोयल और भूमिका कटियार समेत तत्कालीन डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी और श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया गया था। दोनों को हिरासत में लेकर CBI के अधिकारियों ने पूछताछ की और दोनों अभी ज्यूडिशियल कस्टडी में रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद है। 7वीं रैंक पर था नीतेश सोनवानी सरबदा निवासी नितेश सोनावानी तत्कालीन चेयरमैन टामन के भतीजे हैं, जिन्हें टामन अपने बेटे की तरह मानते हैं। वह टामन के साथ ही रहते थे। पीएससी 2021 में नितेश का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था। सूची में नितेश को 7वां स्थान मिला था। हालांकि, चयन सूची में सिर्फ उसका नाम लिखा हुआ है। उसका सरनेम नहीं लिखा हुआ है। पीएससी की सूची में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी उम्मीदवार का सिर्फ नाम है। उसके नाम के आगे और पीछे कुछ नहीं लिखा हुआ है। उप परीक्षा नियंत्रक गणवीर जिस एनजीओ का कोषाध्यक्ष, उसी के खाते में घूस के 45 लाख आए
CBI की जो खुलासा हुआ है कि गोयल ने बेटा शशांक और बहू भूमिका की नौकरी के लिए सरबदा के जिस एनजीओ को 45 लाख रुपए दिए थे, उसमें उप परीक्षा नियंत्रक गणवीर कोषाध्यक्ष है। एनजीओ का लेखा-जोखा वही रखता था। टामन की पत्नी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पद्मनी सोनवानी इसी एनजीओ की अध्यक्ष है। एनजीओ में ज्यादातर टामन के परिवार के सदस्य हैं। इसलिए घर के बुजुर्ग के नाम पर इसे रजिस्टर किया गया है। पर्चा लीक में अहम कड़ी है गणवीर सीबीआई ने डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर से लंबी पूछताछ की है। एजेंसी उसे पर्चालीक कांड में अहम कड़ी मान रही है। उसके घर और दफ्तर से जब्त दस्तावेज व डिवाइस से अहम क्लू मिले हैं। गणवीर टामन की प्रॉपर्टी के लेन-देन का हिसाब व निवेश देखता था। सीबीआई ने टामन के दोनों भतीजों नीतेश और साहिल सोनवानी की अंकसूची समेत दस्तावेज की जांच की है। पूछताछ में दोनों ठीक से उत्तर नहीं दे पाए थे। डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर की रिश्तेदार का भी चयन, ललित गणवीर टामन का करीबी था इसलिए उसे राजनांदगांव से रायपुर लाया गया और सीजीपीएससी में पोस्टिंग दी गई। टामन के कार्यकाल के दौरान वही पीएससी का पूरा काम देखता था। विवादित 18 उम्मीदवारों में गणवीर की रिश्तेदार मीनाक्षी गणवीर भी है। वह डिप्टी कलेक्टर बनी है। इसके अलावा टामन की बहू निशा कोशले डिप्टी कलेक्टर, दीपा अजगले आबकारी अधिकारी और भांजी सुनीता जोशी श्रम अधिकारी बनी हैं। परीक्षा गड़बड़ी में इनकी भूमिका की सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। 18 लोगों में शामिल बाकी लोगों की जांच चल रही है। जानिए CGPSC घोटाले के बारे में CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। EOW और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। PSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।

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