छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण में हुई कटौती के विरोध में आज सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस धरना प्रदर्शन करेगी। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पहले प्रदेश में 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में 25 फीसदी सीटें OBC के लिए आरक्षित होती थी। लेकिन अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी का आरक्षण लगभग खत्म हो गया है। बैज के मुताबिक, प्रदेश की भाजपा सरकार ने साजिश कर OBC आरक्षण में कटौती की है। जिला और जनपद पंचायतों में OBC का आरक्षण ही खत्म कर दिया गया है। जिला पंचायतों में आरक्षण की स्थिति 50% आरक्षण के बावजूद नहीं मिली जिला पंचायत अध्यक्ष की 1 भी सीट छत्तीसगढ़ में 50 फीसदी OBC आरक्षण के बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए एक भी पद OBC को नहीं मिला। प्रदेश में नगरीय निकायों के बाद त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण तय किए गए हैं। रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष का पद इस बार अनारक्षित हो गया है। वहीं, धमतरी, महासमुंद, कबीरधाम, मुंगेली, में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष पदों का आरक्षण भी अनारक्षित हुआ है। प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष की एक भी सीट OBC आरक्षित नहीं हुई है। 90 फीसदी OBC आबादी के बाद भी आरक्षण नहीं मिला कांग्रेस का आरोप है कि मैदानी इलाकों में कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं। जहां 90 फीसदी से ज्यादा लोग OBC वर्ग से आते हैं। सरपंच पद आरक्षित नहीं है। पंचों का आरक्षण भी जनसंख्या के हिसाब से बेहद कम है। पहले जो सीटें OBC के लिए आरक्षित थी अब वो सामान्य हो गई है। BJP जनरल सीटों में देगी OBC को मौका छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में जनरल सीटों पर भाजपा OBC कैंडिडेट को मौका देगी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह के मुताबिक जहां अनारक्षित सीट होती है (जनरल) वहां से कोई भी चुनाव लड़ सकता है, तो हम अपने पार्टी की आंतरिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जनरल सीटों पर ओबीसी को प्राथमिकता देंगे। वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव के मुताबिक, आयोग ने अनुशंसा करते हुए रिपोर्ट में कहा कि, अधिकतम 50% तक ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिया जा सकता है। जबकि पहले 25% तक की ही सीमा थी, हमने ओबीसी वर्ग के आरक्षण को बढ़ाया है। बाकी अन्य निकाय, नगर निगम, नगर पालिका सभी में ओबीसी वर्ग को नियमानुसार भागीदारी मिली है। साव ने कहा, एक दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने जिला पंचायत पदों पर ओबीसी वर्ग को आरक्षण नहीं दिए जाने को लेकर कहा था कि अभी तो कम बवाल हो रहा है और बवाल होना चाहिए। ये ऐसे बयान देकर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं। साव के मुताबिक कांग्रेस भ्रम, भ्रष्टाचार और भय के कॉन्सेप्ट में राजनीति करती है, मगर हम छत्तीसगढ़ को अशांत नहीं होने देंगे। हम उनकी साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे।

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