छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बस्तर का पहला जू पार्क यानी चिड़ियाघर खुलेगा। इसमें देसी-विदेशी नस्ल के सैकड़ों पशु-पक्षी रहेंगे। रायपुर के जंगल सफारी की तर्ज पर इसे बनाया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए जिला प्रशासन की यह नई पहल है। छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बचेली आम सभा में इसकी घोषणा भी कर दी है। दंतेवाड़ा DFO सागर जाधव ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि, जू के लिए पिछले कई दिनों से प्लान किया जा रहा है। जिले में हमने 2-3 लोकेशन देखे हैं जो जू के लिए सूटेबल हैं। अब इन्हीं में से सबसे पहले किसी एक जगह का चयन किया जाएगा। जिसके बाद DPR बनाकर सरकार को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जगह का चयन होने के बाद कोशिश रहेगी कि जितनी जल्दी हो जू के लिए काम शुरू किए जाएंगे। जंगल सफारी की तर्ज पर होगा काम
DFO ने कहा कि जू के लिए नेचुरल और काफी बड़ी जगह चाहिए। जिस तरह रायपुर में जंगल सफारी है हमारी कोशिश रहेगी कि उसी के तर्ज पर हम इसे बनाएं। लोग सफारी का अनांद लें सकें। यहां जू खुलने के बाद निश्चित रूप से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। 400 किमी के दायरे में कहीं नहीं जू
बस्तर संभाग के बस्तर, नारायणपुर, सुकमा , बीजापुर, कांकेर, कोंडागांव में कहीं भी जू नहीं है। यहां तक कि धमतरी में भी जू नहीं है। इसके अलावा पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और ओडिशा राज्य के वे जिले जो बस्तर की सीमा से लगे हुए हैं यहां भी जू या फिर जंगल सफारी नहीं है। दंतेवाड़ा जिले के 400 किमी के दायरे में कहीं भी जू नहीं है। यदि यहां जू खुलता है तो इन राज्यों के पर्यटक भी यहां आएंगे। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा। अभी ये है पर्यटन स्थल
दंतेवाड़ा में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी का मंदिर है। यहां छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा पर्यटन नगरी बारसूर भी पर्यटकों के घूमने के लिए एक अच्छा ऑप्शन है। यहां ऐतिहासिक धरोहर है, मंदिर है। ढोलकल शिखर, झारालावा और हांदावाड़ा जल प्रपात ट्रैकिंग के लिए मशहूर है। हालांकि, हाल ही में बने वन मंदिर में भी पर्यटकों की जबरदस्त भीड़ रहती है।

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