जहां चाह, वहां राह… छत्तीसगढ़ की 5 बेटियों ने इस कहावत को सच साबित कर दिया है। जशपुर के सरकारी प्री मैट्रिक आदिवासी छात्रावास में पढ़ने वाली ये पांचों बेटियां नेशनल क्रिकेट प्लेयर बन गई हैं। पहाड़ी कोरवा जनजाति की आकांक्षा रानी बीसीसीआई अंडर-19 टीम के लिए चुनी गई हैं। तुलसिका भगत, एंजिल लकड़ा, नितिका बाई, अल्का रानी कुजूर अंडर-15 नेशनल टूर्नामेंट खेल रही हैं।
इन लड़कियों ने हॉस्टल के पास के खेत में ही क्रिकेट खेलना शुरू किया। छात्रावास की अधीक्षक पंडरी बाई ने ही इन्हें क्रिकेट किट दिया। वे कहती हैं- पहले हमने अपनी बेटी आकांक्षा के लिए क्रिकेट कोच रखा। वह स्टेट टीम में चुनी गई। इसके बाद मैंने सोचा कि छात्रावास की दूसरी बच्चियां भी आकांक्षा की तरह अच्छा कर सकती हैं। तब मैंने कोच संतोष कुमार से बात की कि वे मेरी बेटी के साथ दूसरी बच्चियों को भी क्रिकेट सिखाएं। वे उसी फीस में दूसरी बच्चियों को भी सिखाने के ​लिए तैयार हो गए। पिता क्रिकेटर नहीं बन सके तो बेटी को बनाया आकांक्षा के पिता शंकर राम बताते हैं कि मैंने और पत्नी पंडरी ने मिलकर खेत को मैदान बनाया। अपनी सैलरी से पैसे बचाकर कोच हायर किया। तत्कालीन कलेक्टर रवि मित्तल की मदद से नेशनल पिच तैयार की। अब आगे क्या करें समझ नहीं आ रहा था तो सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करना शुरू किया। जिले के बीसीसीआई सचिव अनिल श्रीवास्तव की नजर आकांक्षा के वीडियो पर पड़ी। उसकी बैटिंग देखकर वे घर आए और आगे का रास्ता बताया।

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