छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती गड़बड़ी को लेकर चल रही सीबीआई जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पीएससी 2021 की परीक्षा के पहले ही तीनों सेट के पर्चे लीक हो गए थे। यह पर्चे पिछली सरकार के प्रभावशाली अधिकारी, कांग्रेसी नेता और रिश्तेदारों तक पहुंचे, जिनसे जुड़े लोग उम्मीदवार थे। इसी के बाद वे तैयारी कर परीक्षा में शामिल हुए।
सीबीआई की ओर से पीएससी दफ्तर से जब्त कंप्यूटर, दस्तावेजों और मोबाइल की जांच में खुलासा हुआ है कि पर्चे पीएससी दफ्तर से ही लीक हुए थे। इन्हें तत्कालीन चेयरमैन टामन के निर्देश पर उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर ने लीक किया। इसलिए सीबीआई ने तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह को गिरफ्तार किया है। उसके कंप्यूटर की जांच के बाद तत्कालीन उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर को गिरफ्तार किया। इनके मोबाइल की जांच में अहम सबूत मिले। इस आधार पर चयनित उम्मीदवार नीतेश सोनवानी, साहिल सोनवानी, शशांक गोयल और भूमिका गोयल को गिरफ्तार किया है। सीबीआई जल्द ही कुछ और उम्मीदवारों की गिरफ्तारी करने वाली है। दावा है कि इस मामले में तीन दर्जन से ज्यादा गिरफ्तारियां होंगी। तीनों सेट 20 दिन पहले मिले अभ्यर्थियों को सीजी पीएससी 2021 में 170 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें तीन सेट ए, बी और सी था। तीनों का पर्चा छपकर आने के बाद लीक किया गया। तीनों का सेट निकालकर विवादित उम्मीदवारों को 20 दिन पहले दिया गया था। ये अभ्यर्थी जानते थे कि सीजीपीएससी परीक्षा के पर्चे छापने के लिए किसी तरह का टेंडर नहीं होता है। यह गोपनीय प्रक्रिया है। पर्चा कहां छप रहा है और क्या छप रहा है। इसकी जानकारी सिर्फ चेयरमैन, परीक्षा नियंत्रक और उप परीक्षा नियंत्रक को होती है। इसी कारण तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक और उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर को यह पता ​था। इसलिए दो की गिरफ्तारी हुई है। बता दें कि टामन सिंह उस इंटरव्यू बोर्ड में भी शामिल थे, जिसने चयनित अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया ​था। बेटा-बहू ने दिया पैसा सीबीआई की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि पीएससी में भर्ती के लिए श्रवण कुमार गोयल के बेटे शशांक और बहू भूमिका ने खुद टामन को पैसा दिया है। सीबीआई को इसका सबूत भी मिला है। इसलिए दोनों की गिरफ्तारी हुई है।

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