सिटी रिपोर्टर | दुर्ग पुराने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नालंदा परिसर (सेंट्रल लाइब्रेरी) बनाई जा रही है। करीब 11.29 करोड़ की लागत से बनने वाले परिसर में विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकेंगे। परिसर में निर्मित अलग-अलग तिमंजिला में 500 विद्यार्थियों की बैठने की सुविधा रहेगी। इसके लिए शासन ने दुर्ग सहित 12 शहरों में इसके निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। पुराना जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की बिल्डिंग को ढहाने के बाद उसी परिसर में तिमंजिला नालंदा परिसर का निर्माण किया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर में लाइब्रेरी के साथ-साथ रीडिंग के लिए अलग-अलग से व्यवस्था रहेगी। बच्चों के पढ़ने के लिए भी लाइब्रेरी की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा परिसर में डिस्कशन के लिए अलग से हाल होगा। जिसमें परीक्षार्थी एक-दूसरे के साथ चर्चा कर प्राब्लम को दूर कर सकेंगे। इसके अलावा परीक्षा की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को भूख लगने पर पढ़ाई छोड़कर खाने के लिए बाहर न जाना पड़े इसके लिए नालंदा परिसर में ही कैफेटेरिया भी रहेगा। पहली मंजिल में मीटिंग हाल और ग्रुप स्टडी की सुविधा ग्राउंड फ्लोर के बाद पहले और दूसरे मंजिल में जाने के लिए लिफ्ट रहेगा। फ़र्स्ट फ्लोर में मीटिंग हाल के साथ ही ग्रुप स्टडी के लिए व्यवस्था रहेगी। इस फ्लोर में पत्रिकाएं पढ़ने के लिए भी अलग से हाल बनाया जाएगा। शिक्षा से जुड़ी परिचर्चा के लिए कांफ्रेंस हाल की भी व्यवस्था इस परिसर में रहेगी। दूसरे और अंतिम फ्लोर में आडियो-वीडियो हाल के साथ-साथ खुले में आसमान के नीचे पढ़ने का प्रावधान किया जाएगा। िनर्माण के लिए 12-13 जनवरी तक वर्क आर्डर जारी करेंगे ^ निगम की दो महत्वपूर्ण योजनाएं एसटीपी और नालंदा परिसर निर्माण की प्रक्रिया टेंडर में है। इस प्रक्रिया को पूरा होने में महीना भर लग सकता है। आचार संहिता लागू होने पर मामला लंबा खींच सकता है। वहीं बुनियादी सुविधाओं से जुड़े सभी निर्माण कार्यों की निविदा के वर्क आर्डर 12-13 जनवरी तक जारी कर दिए जाएंगे। मोहन पुरी गोस्वामी, ईई, नगर निगम, दुर्ग आचार संहिता के कारण प्रोजेक्ट लटकने के आसार बने नगरीय निकायों के चुनाव में वार्डों और महापौर, अध्यक्ष पद आरक्षित होने के बाद अब चुनाव आचार संहिता लागू होने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इस स्थिति में दुर्ग निगम के दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जिसमें नालंदा परिसर और दो स्थानों पर एसटीपी का निर्माण शामिल हैं, उनके लटकने के आसार भी बन गए हैं। क्योंकि दोनों ही प्रोजेक्ट निविदा प्रक्रिया में है और किसी भी स्थिति में अगले महीने भर में वर्क अवार्ड किया जाना संभव नहीं है। जहां भूमिपूजन भी नहीं हुआ, वहां सीधे निर्माण शुरू करवाया गया अगस्त महीने में अधो संरचना मद से स्वीकृत साढ़े 8 करोड़ की लागत से सड़क, नाली जैसे निर्माण कार्यों का एक साथ सीएम ने भूमिपूजन कर दिया था लिहाजा आचार संहिता का इस पर असर नहीं पड़ रहा है। लेकिन उसके बाद बीते महीने 6.88 करोड़ की लागत से अधो संरचना मद से जो कार्य स्वीकृत किए हैं उनमें से 30 फीसद कार्यों का ही भूमिपूजन हुआ है। ऐसे में आचार संहिता लागू होने पर बाकी कार्य लटक न जाए, लिहाजा विधायक ने बिना भूमिपूजन वर्क आर्डर जारी कर निर्माण शुरू करने कहा है।

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