सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में बीएड धारी सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद कोंडागांव जिले में 353 बीएड धारी सहायक शिक्षकों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया तेज हो गई है। शिक्षकों की बर्खास्तगी के साथ ही जिले की शिक्षा व्यवस्था चरमराने लगी है। कई स्कूल अब एकल शिक्षक स्कूल बन चुके हैं, जबकि कुछ स्कूलों में शिक्षक पूरी तरह अनुपस्थित हैं। इस समस्या को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों का एक दल कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने सहायक शिक्षकों को ठहराया अपात्र कोंडागांव जिले में छत्तीसगढ़ शासन ने कुल 643 शिक्षकों की भर्ती की थी, जिनमें 353 बीएड धारी सहायक शिक्षक और 279 डीएड पात्रता धारक शिक्षक शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने बीएड डिग्री धारक सहायक शिक्षकों को अपात्र करार देते हुए उनकी सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया है। शिक्षकों की नियुक्ति की मांग जिले के किबई बालेंगा गांव से आए ग्रामीणों के एक दल ने प्राथमिक शाला में शिक्षकों की कमी को लेकर कलेक्टर कार्यालय में अपनी बात रखी। ग्रामीणों का कहना है कि न्यायालय के आदेश के बाद स्कूल एकल शिक्षक स्कूल बनते जा रहे हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है। उन्होंने तुरंत शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की है। वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश जारी इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने बताया कि शिक्षकों की बर्खास्तगी के कारण जिले के कई स्कूल एकल शिक्षक स्कूल बन जाएंगे और कुछ पूरी तरह शिक्षक विहीन हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके समाधान के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों से संबंधित डाटा मंगवाया जा रहा है। इस डाटा के आधार पर शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि शैक्षणिक कार्य में किसी प्रकार का व्यवधान न हो।