छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति को बड़ी सफलता मिली है। 24 घंटे में बीजापुर और कोंडागांव जिले में 14 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया है। जिनमें 6 नक्सली 14 लाख रुपये के इनामी थे। नक्सली विचारधारा और शोषण से तंग आकर उसने यह कदम उठाया। कोंडागांव जिले में शुक्रवार को एक लाख रुपये का इनामी नक्सली दिवास उर्फ गनपत मंडावी ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। दिवास 2009 से 2016 तक जनमिलिशिया सदस्य और 2016 से 2024 तक आमदई एलओएस में पार्टी सदस्य के रूप में सक्रिय था। वह कोंडागांव, बस्तर और नारायणपुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में कई मुठभेड़ों में शामिल रहा है। उसकी प्रमुख वारदातें: – 2012: बस्तर के ककनार चौकी में फायरिंग – 2015: मर्दापाल के बेड़मा में पुलिस पार्टी पर हमला – 2018: ईरपानार में हमले में 4 जवान शहीद – 2024: थुलथुली में मुठभेड़ जिसमें 36 नक्सली मारे गए सरकार ने उन्मूलन नीति के तहत उसे 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी है। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों में दहशत का माहौल है, जिससे कई नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे हैं। बीजापुर में 13 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण बतादें कि एक दिन पहले गुरुवार को नक्सल प्रभावित बीजापुर में एक दंपति सहित 13 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया है। नक्सलियों ने वहां आत्मसमर्पण किया, जहां 6 जनवरी को नक्सली हमले में 8 जवान शहीद हो गए थे। आत्मसमर्पित पांच नक्सलियों पर 13 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसमें हेमला जगरगुंडा पर पांच लाख रुपये और नक्सली काकेम पर 3 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वहीं दंपति और वेको पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था।