छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के कुसुम स्पंज आयरन पावर प्लांट हादसे को 24 घंटे हो गए। SDRF और NDRF रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। साइलो (स्टोरेज टैंक) गिरने से 4-5 कर्मचारियों के नीचे दबे होने की आशंका है। गुरुवार दोपहर हुए हादसे में एक की मौत हो गई थी। हादसे के बाद से दैनिक भास्कर की टीम भी लगातार ग्राउंड जीरो पर मौजूद है। कर्मचारियों और स्थानीय लोगों से बातचीत में पता चला कि साल भर पहले शुरू हुए प्लांट में प्रबंधन ने प्रोडक्शन चालू करने में हड़बड़ी की। बिना ट्रायल 20 दिन पहले ही साइलो को इंस्टॉल किया गया। खराबी आने के बाद भी इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई। साइलो का स्ट्रक्चर हिलने लगा था जिसे गुरुवार दोपहर क्रेन से व्यवस्थित किया जा रहा था तभी हादसा हो गया। तीन कर्मचारी लापता पुलिस के मुताबिक हादसे में 3 कर्मचारी लापता हैं। जिसके लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। अब समझिए पूरा घटनाक्रम… गुरुवार को मैकेनिकल विभाग के कर्मचारी और मजदूर साइलो के कमजोर स्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम कर रहे थे। इसके लिए वहां क्रेन भी खड़ा किया गया था। जिसकी मदद से हील रहे स्ट्रक्चर को पकड़ कर रखा गया था। उसी समय दोपहर को साइलो गिर गया। जिसमें सुपरवाइजर, फीडर सहित अन्य मजदूर दब गए। ओवरलोड पर ध्यान नहीं दिया कंपनी के जानकारों का कहना है कि, जिस समय साइलो में काम चल रहा था, उस समय टैंक में कोयले का राख भरा हुआ था। जब काम शुरू किया गया, तब टैंक को खाली कर राख को निकालना चाहिए था। लेकिन, लापरवाही ऐसी कि ओवरलोड टैंक पर नींव को मजबूत करने का काम किया गया। टैंक खाली कर लिया जाता, तो यह हादसा नहीं होता। बिना साइलो प्लांट में प्रोडक्शन किया शुरू ये भी पता चला है कि, नियमों को दरकिनार कर प्लांट में काम शुरू किया गया। शुरुआत में यहां बिना साइलो के बिना ही उत्पादन शुरू कर दिया था। जिसकी वजह से आसपास प्रदूषण फैलने पर लोगों ने विरोध भी जताया था। लेकिन, प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया था। साइलो के कमजोर स्ट्रक्चर पर प्रबंधन ने नहीं दिया ध्यान प्लांट के कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि, साइलो लगाते समय उसके कमजोर स्ट्रक्चर पर प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया। जिस कारण जब साइलो का काम चालू हुआ, तब उसके आसपास की जमीन हिलने लगी थी। इसके चलते मजदूर साइलो टैंक के आसपास काम करने से घबराते थे। लेकिन प्रबंधन के दबाव में काम करने के लिए मजबूर थे। अब जानिए प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा प्रबंधन और प्रशासन पर भड़के परिजन इस हादसे में लापता फीडर अवधेश कश्यप जांजगीर-चाम्पा जिले के अकलतरा का रहने वाला है। उसके बड़े भाई मुकेश कुमार कश्यप ने बताया कि, हादसे की खबर मिलते ही सभी परिजन पहुंच गए। लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। न तो प्रबंधन कोई जवाब दे रहा है और न ही प्रशासन के अफसर कुछ बता रहे हैं। दोपहर 1.10 बजे हादसा हुआ है और रात 10 बजे तक मलबा तक नहीं हटाया गया है। ऐसे में साइलो कब हटेगा यह भी पता नहीं है। उन्होंने प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। कलेक्टर बोले- कमेटी करेगी जांच कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि, प्रशासन की पहली प्राथमिकता रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना है। टैंक को हटाकर पहले वहां दबे लोगों की हालत जानना जरूरी है। जिसके बाद हादसे की वजह जानने के लिए कमेटी बनाई जाएगी। जांच में लापरवाही सामने आने पर जिम्मेदारों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। 4 डायरेक्टर, 350 से अधिक कर्मचारी करते है काम कुसुम स्मेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत 11 अगस्त 2020 को हुई थी। इसके डायरेक्टर संदीप अग्रवाल, आदित्य अग्रवाल, विशाल अग्रवाल और यश पोद्दार हैं। इस प्लांट में 350 से अधिक मजदूर काम करते हैं। इसमें करीब 350 मजदूर अलग-अलग शिफ्ट में काम करते है। यहां आयरन से कच्चा लोहा बनाने काम होता है। ………………………………… इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… छत्तीसगढ़ के स्टील प्लांट में हादसा..1 की मौत: साइलो गिरने से अभी भी सुपरवाइजर, फीडर समेत 3 लापता; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी छत्तीसगढ़ में मुंगेली के कुसुम पावर प्लांट में गुरुवार को बड़ा हादसा हो गया। रामबोर्ड गांव में स्थित कुसुम इस्मेल्टर्स स्टील प्लांट में साइलो (स्टोरेज टैंक) गिरने से 6 मजदूर चपेट में आ गए। इनमें से एक की मौत हो गई। जबकि अभी 4-5 कर्मचारी नीचे दबे हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, कंपनी के सुपरवाइजर जयंत साहू, फीडर अवधेश और अखिलेश लापता हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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