छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में नगर निगम की स्वच्छता दीदियों ने अपशिष्ट से पैसे कमाए हैं। 6 साल से कचरा बेचकर 1 करोड़ 37 लाख 77 हजार 828 रुपए की अतिरिक्त कमाई की है। घर-घर कचरा कलेक्शन से मिले सूखा कचरा से यह फायदा उन्हें मिला है। दरअसल, शहर के 48 वार्डों में 12 एसएलआरएम सेंटर है। जिसमें करीब 306 स्वच्छता दीदी काम कर रही है। हर दिन सुबह ये डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए निकल पड़ती है। इसके बाद पुट्ठा, प्लास्टिक से बने सामान, टीना-लोहा से बने सामग्री, शीशी-बोतल, न्यूज पेपर यानी घरों से निकलने वाले कचरा लेती हैं। जिसे एसएलआरएम सेंटर लाया जाता है। एसआरएलएम केंद्र में सूखे कचरों की छटनी की जाती है। इस छटनी में गीले कचरे से खाद बनाने का काम किया जाता है। फर्म को बेचते हैं सामान सूखे कचरे को तोड़कर बड़ी-बड़ी बोरियों में पैककर रख दिया जाता है। इस सूखे कचरे को हर महीने स्वच्छता दीदी संबंधित अनुबंध फर्म को बेचते हैं। एक एसएलआरएम सेंटर में 60 से 90 हजार रुपए तक का सूखा कचरा बेचा जाता है। खाते में आने के बाद बांटे जाते हैं रुपए यह रुपए दीदियों के बनाए गए समूह के खाते में आता है। जो जितनी मेहनत सूखा कचरा लाने में करता है, उसे उनकी मेहनत के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं। ऐसे में दीदियों को हर महीने 5-10 हजार रुपए तक सूखा कचरा से मिल जाता है। नवबंर-दिसबंर महीने में ज्यादा कमाई अक्टूबर 2018 से एसएलआरएम में काम शुरू हुआ। तब से अब तक 1 करोड़ 37 लाख 77 हजार 828 रुपए का सूखा कचरा बिक चुका है। सबसे अधिक लाभ नवंबर और दिसंबर महीने में हुआ है। दीपावली और अन्य त्यौहारों के समय लोगों के घरों से ज्यादा कचरा निकलता है। इसलिए साल 2024 के इन 2 महीने में 10 लाख 11 हजार 504 रुपए का सूखा कचरा बेचा गया।

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