छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड मामले में SIT ने गुरुवार को अपनी जांच रिपोर्ट सबमिट की है। मुकेश की हत्या करने की सिलसिलेवार पूरी प्लानिंग ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने की थी। मुकेश का मोबाइल भी नदी में फेंका गया। इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने और आरोपियों को पकड़ने के लिए CG के अलावा महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा पुलिस की भी मदद ली गई। SIT के मुताबिक, हत्या रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके ने की, जबकि शव छिपाने का काम दिनेश ने किया। मुकेश का मोबाइल नदी में फेंका लोकेशन भटकाने के लिए मुकेश के फोन को चकनाचूर कर उसे घटनास्थल से 40-50 किमी दूर तुमनार नदी में फेंका गया। फिलहाल, गोताखोर फोन ढूंढ रहे हैं। SIT ने बताया है कि सड़क निर्माण काम की खबर से ये लोग मुकेश से नाराज थे। वारदात के 4-5 दिन पहले ही हत्या की पूरी साजिश रच ली गई थी। जिस दिन साजिश रची गई उसी दिन सुरेश ने अपने बैंक अकाउंट से एक मोटी रकम निकाल ली थी। 100 से ज्यादा CDR निकाले गए गुरुवार की शाम SIT ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि, इस घटना के आरोपियों को पकड़ने के लिए करीब 100 से ज्यादा CDR निकाले गए। CCTV कैमरे खंगाले गए। 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए साइबर टीम ने AI और OSINT (Open-source intelligence) टूल्स का भी प्रयोग किया। वहीं सुरेश चंद्राकर की कुल 4 लग्जरी गाड़ी, मिक्सर मशीन समेत अन्य वाहन जब्त किए गए हैं। यह भी पता चला है कि, आरोपियों ने अपने फोन से भी सारा डेटा डिलीट कर दिया है। आरोपियों के फोन का डेटा रिकवर करने के लिए लैब भेजा गया है। खबर से नाराजगी, इसलिए हत्या SIT ने बताया कि, पूछताछ में आरोपियों ने यह बताया है मुकेश चंद्राकर इनका रिश्तेदार था और उनके ठेका काम के खिलाफ लगातार न्यूज कवर कर रहा था। इनके ठेका कार्य की जांच भी शुरू हो गई थी। इस बात से नाराज होकर सुरेश चंद्राकर ने अपने भाइयों के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची। 1 जनवरी को रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेक इन दोनों ने मिलकर बाड़े के कमरा नंबर 11 में लोहे की रॉड से पीट-पीटकर मुकेश की हत्या की। दिनेश ने मिटाए सबूत दिनेश चंद्राकर ने घटना के बाद रात में ही आकर सबूत मिटाने और आरोपियों को फरार करने में साथ दिया। सुरेश चंद्राकर ने खुद को घटना के समय बाहर रखने की योजना बना रखी थी, ताकि उस पर संदेह न हो। वहीं 3 जनवरी को दोपहर 12 बजे दिनेश चंद्राकर अस्पताल में खुद बीमार होकर भर्ती हो गया था। जब पुलिस को शक हुआ तो उसे अस्पताल से ही हिरासत में लेकर पूछताछ की। 3 घंटे की पूछताछ के बाद दिनेश ने हत्या का सारा राज खोला। इसके बाद इस वारदात में शामिल महेंद्र रामटेक के बारे में बताया। पुलिस ने बीजापुर बस स्टैंड से महेंद्र रामटेक को गिरफ्तार किया। जब शव के बारे में जानकारी मिली तो 3 जनवरी की शाम 5 बजे सेप्टिक टैंक को तोड़कर शव निकाला गया। वहीं 6 जनवरी को सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों को 8 जनवरी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। ———————————– पत्रकार हत्याकांड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… पत्रकार हत्याकांड…मारने से पहले हत्यारों ने खिलाया खाना: चचेरे भाइयों ने मारा, इनमें जिगरी दोस्त था रितेश, भागने का पहले से तय था रूट 3 जनवरी को लाश मिलने के बाद पुलिस ने 4 जनवरी को मुकेश के 2 चचेरे भाई दिनेश, रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया। इसके मास्टरमाइंड ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। वारदात के बाद सभी का अलग-अलग लोकेशन पर भागना पहले से तय था। पढ़ें पूरी खबर

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