छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव की वोटिंग एक साथ नहीं होगी। लेकिन निकाय और पंचायत चुनाव के कार्यक्रम एक साथ घोषित किए जाएंगे। दोनों चुनाव को लेकर एक साथ आचार संहिता लगेगी। अलग-अलग चरणों में वोटिंग होगी और 30 से 35 दिन के भीतर पूरी प्रक्रिया समाप्त कर ली जाएगी। यह स्पष्ट किया है प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने। बुधवार को उन्होंने मीडिया से कहा कि दोनों चुनाव एक साथ घोषित होंगे। आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। आरक्षण की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जा रही है, इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम घोषित करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदान अलग-अलग चरणों में होंगे। साव क्या बोले, पढ़िए उन्हीं के शब्दों में
क्या चुनाव अलग-अलग होंगे मीडिया के इस सवाल के जवाब में मंत्री अरुण साव ने कहा- मुझे ऐसा लगता है कि चुनाव की घोषणा एक साथ होगी । हमारी सरकार की जो मंशा है, वो एक साथ चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करने की है। इससे होगा ये कि अधिक समय नहीं लगेगा, अगर अलग-अलग चुनाव हुए तो लगभग 80 दिन दोनों चुनाव को मिलाकर आचार संहिता लागू होती है। एक साथ चुनाव होने से लगभग 35 दिन के अंदर मुझे लगता है कि चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी । चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम राज्य निर्वाचन आयोग घोषित करेगा और मुझे ऐसा लगता है कि चुनाव की घोषणा एक साथ होगी मतदान चरणों में होगा, लेकिन इसे हम कह सकेंगे की एक साथ हम चुनाव करवा रहे हैं। मंत्री श्याम बिहारी भी बोले
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- चुनाव समय पर ही होंगे और दोनों चुनाव शीघ्र ही सरकार की तरफ कराने की मंशा है । निकाय और पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया हो चुकी है। 15 तारीख तक मतदाता सूची का प्रकाशन भी होना है, तो सरकार पूरी तरह से गंभीर है जल्द ही चुनाव होंगे। चुनाव एक साथ होंगे या नहीं पूछे जाने पर बोले- दोनों चुनाव एक साथ होंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने इसे जनता के लिए जरूरी बताया
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव ने चुनाव एक साथ किए जाने को लेकर कहा- 5 साल तक देश चुनाव ही चुनाव में रहता है । इससे शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है। यह खर्च का भी विषय है । प्रदेश में हम त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर काम आगे बढ़ रहे हैं। दोनों चुनाव एक साथ होंगे वरना 5 वर्षों तक तो चुनाव चुनाव में ही निकल जाता है, फिर जनता की मंशा के अनुरूप और क्षेत्र और छत्तीसगढ़ या कोई भी प्रांत हो उसके विकास के काम नहीं हो पाते। कांग्रेस रिकॉर्ड तोड़ने की बात कह रही
नगरीय निकाय चुनावों के लिये नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों को लेकर कांग्रेस का अपना दावा है। पार्टी की ओर से संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने दावा किया है, कांग्रेस ने इन स्थानीय निकाय के चुनावों में न सिर्फ अपनी पिछली जीत दोहरायेगी, अबकी बार और अधिक निकाय क्षेत्रों में कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव जीत कर आयेंगे। इस दावें की मीनार के पीछे पिछली जीत का सपोर्ट कांग्रेसी बात रहे हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने अधिकांश नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में जीत हासिल की थी। ये मुद्दें होंगे हावी
कांग्रेस प्रदेश के निकाय चुनावों में बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था, रोज हो रही हत्याओं, बलात्कार, लूट, चाकूबाजी की घटनाओं का जिक्र लेकर जनता के बीच जाएंगे। कांग्रेस का दावा है कि इन वारदतों की वजह से जनता सरकार से निराश है। कांग्रेस कह रही है कि विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने जनता से जो वादा किया था, एक साल में उसको पूरा नहीं किया है। न 500 रू. सिलेंडर देने का वादा पूरा किया और न ही 18 लाख आवास देने का वादा पूरा किया। भाजपा राज में बिजली के दाम बढ़ गये है। कांग्रेस शासनकाल में 400 यूनिट तक बिजली के दामों में 50 प्रतिशत छूट को भाजपा सरकार ने बंद कर दिया है।

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