छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में बुधवार को देवेन्द्र यादव विरुद्ध प्रेमप्रकाश पांडे की चुनाव याचिका पर सुनवाई की गई। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने प्रतिवादी पक्ष को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने देवेंद्र यादव की तरफ से खड़े वकील को कहा कि उनके द्वारा अभी तक शपथ पत्र पेश क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि आपको बहुत मौके कोर्ट द्वारा दिए जा चुके हैं, यह आपको अंतिम अवसर दिया जा रहा है यदि आपने शपथ पत्र के साथ जवाब पेश नहीं किया तो केस आगे बढ़ाया जाएगा। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता ने अपनी दलील में कहा कि पिछली 6 सुनवाई में उन्होंने अपने पक्षकार से जेल मुलाकात करने की कोशिश लेकिन वो उनसे नहीं मिल पाए। इसके चलते वो शपथ पत्र नहीं दे पाए हैं। इस पर पूर्व मंत्री के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. निर्मल शुक्ला और अधिवक्ता देवाशीष तिवारी ने न्यायालय को जेल में जाकर प्रतिवादी के अधिवक्ता की देवेंद्र यादव से 8 बार मिलने की तारीखें गिना डाली। जब विधायक देवेंद्र यादव के वकील की झूठी दलील पकड़ी गई तो कोर्ट ने उन्हें जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी 2025 को निर्धारित की है। जनता की परेशानी का दिया हवाला देवेंद्र यादव के अधिवक्ता ने कोर्ट के सामने कहा कि यदि उनके मुअक्किल की विधायकी रद्द होती है तो उनके साथ-साथ पूरे क्षेत्र की जनता उपचुनाव से परेशान होगी। इस पर न्यायलय ने कहा आप 10 दिनों के अंदर अपना जवाब कोर्ट के समक्ष पेश करें। यह निर्णय का विषय है। उसे रहने दें। इससे संबंधित और भी खबरें पढ़िए
1- भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को हाईकोर्ट से बड़ा झटका:पूर्व MLA प्रेम प्रकाश पांडेय की चुनाव याचिका स्वीकार, 31 जुलाई को होगी सुनवाई भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पूर्व बीजेपी विधायक प्रेम प्रकाश पांडेय की चुनावी याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को कोर्ट ने सुनवाई योग्य माना है।​​​​​​​ ​​​​​​​यहां पढ़िए पूरी खबर
2 – वकील बोले-जेल में देवेंद्र यादव, लेकिन सोशल मीडिया पर एक्टिव:चुनाव याचिका पर हाईकोर्ट में नहीं दिया जवाब, कांग्रेस MLA पर 1000 रुपए लगाया जुर्माना​​​​​​​ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चुनाव याचिका पर जवाब नहीं देने पर भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच को बताया गया कि, वो एक आपराधिक प्रकरण में जेल में बंद हैं लेकिन, सोशल मीडिया पर एक्टिव है। इस पर जस्टिस एनके व्यास ने उनकी गतिविधियों पर केस को जानबूझकर टालने का प्रयास माना है।​​​​​​​ ​​​​​​​यहां पढ़िए पूरी खबर

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