चित्रकोट नाम सुनते ही नक्सली हमले का वो मंजर याद आता है जब 2008-09 में आधी रात चित्रकोट चौकी को नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया था। नक्सलियों के लाल आंतक का असर यह था कि चित्रकोट का नाम सुनते ही लोग उस इलाके में जाने से थर्राते थे लेकिन अब चित्रकोट की फिजा बदल गई है चित्रकोट की फिजा में अब शांति दौड़ रही है और यह इलाका नक्सल मुक्त हो गया है। इलाके को नक्सल मुक्त करने में फोर्स और जिला प्रशासन की महती भूमिका रही, लेकिन लाल आंतक को खत्म करने में अंतिम कील पर्यटकों ने ठोंकी है। यहां वर्ष 2024 में 9 लाख पर्यटक पहुंचे याने कि हर महीने औसत 80 हजार पर्यटक चित्रकोट पहुंचे। इतनी बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने से यहां सुविधाओं का विस्तार हुआ और लोगों के मन में लाल आंतक का जो डर बना हुआ था वह दूर हो गया। होटल और गाड़ियों को किराए पर चलाकर लोगों को मिल रहा रोजगार
चित्रकोट जलप्रपात में 30 दिसंबर तक करीब 9 लाख पर्यटक पहुंचे इनमें 169 विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। चित्रकोट बस्तर का इकलौता ऐसा पर्यटक स्थल है जहां इस साल इतनी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं। इतनी बड़ी संख्या में पर्यटकों के यहां पहुंचने से इलाके की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल रही है। स्थानीय लोगों को होम स्टे, पार्किंग के जरिये बड़ा रोजगार मिल रहा है। जगदलपुर में होटल और गाड़ियों को किराये पर चलाने वाले लोगों को भी रोजगार मिल रहा है।

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