छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस अपने संगठन में बड़ा बदलाव करने वाली है। प्रदेश में शहर और ग्रामीण मिलाकर 30 जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। दिल्ली में प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के बाद ये फैसला लिया गया है। बैज इस समय कर्नाटक में CWC की बैठक के लिए गए हैं। ऐसे में वापसी के बाद नए जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान किया जा सकता है। वहीं सगंठन के खाली पदों पर भी नियुक्तियां हो सकती है। बदलाव के लिए नामों की सूची लेकर गए थे बैज 15 दिनों में दीपक बैज 2 बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं।लेकिन इस बार दिल्ली गए दीपक बैज अपने साथ संगठन में बदलाव की सूची लेकर गए थे। ब्लॉक अध्यक्षों के साथ संभावित जिलाध्यक्षों के नाम का पैनल लेकर गए थे। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के साथ नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, कांग्रेस के प्रभारी सहसचिव विजय जांगिड़,जेसिका लेतफलांग के साथ एस संपत भी इस बैठक में शामिल थे। सुत्रों के मुताबिक करीब 30 से अधिक जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। ग्रामीण के साथ शहरी दोनों जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। इसमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, धमतरी जैसे जिले शामिल है। कई जिलाध्यक्षों का कार्यकाल पूरा, कई निष्क्रिय विपक्ष कांग्रेस और आक्रामक मोड़ पर आना चाहती है। इसके लिए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट से आमूलचूल परिवर्तन को लेकर मुहर लग गई है।निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस लगातार सड़क की लड़ाई लड़ने की रणनीति बना रही है। इसलिए आक्रामक छवि वाले नेताओं की जरूरत पार्टी मान रही है। यही वजह है कि निष्क्रिय और पुराने ऐसे जिलाध्यक्ष जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका है उन्हे बदला जा रहा है। दरअसल पार्टी बदलाव के जरिए एक बार फिर से नाराज कार्यकर्ताओं को साधना चाहती है। पार्टी को यह लगता है कि नए चेहरों के साथ कार्यकर्ता नए सिरे से रिचार्ज होंगे। साथ ही पार्टी के भीतर मोनोपली भी खत्म हो सकेगी।