भिलाई नगर निगम से अलग होकर बने रिसाली नगर निगम ने उनके यहां काम करने वाले श्रमिकों और मजदूरों का हक दिलाने के लिए अनोखा नियम पास किया है। नियम के मुताबिक टेंडर प्रक्रिया में वही एजेंसी भाग ले पाएगी, जो रेगुलर अपने कर्मचारियों को PF और ESIC जमा करती हो। नगर निगम रिसाली की महापौर शशि सिन्हा ने एमआईसी की बैठक बुलाई। बैठक में चर्चा की गई कि अधिकतर एजेंसियां करोड़ों का टेंडर लेती हैं। उनका काम मजदूरों के द्वारा कराया जाता है, लेकिन उन मजदूरों का पीएफ और ईएसआईसी का पैसा ठेका कंपनी डकार जाती है। रिसाली निगम के स्वास्थ्य प्रभारी संजीव कुमार नेताम ने बताया कि महापौर ने निर्देश दिया कि टेंडर में एक शर्त ऐसी जोड़ दी जाए कि टेंडर डालने वाली कंपनी को 100 रुपए के शपथ पत्र में यह देना होगा कि वो हर महीने में पूरे पीएफ और ईएसआईसी जमा के दस्तावेज निगम में जांच के लिए जमा करेगी। ऐसा ना करने वाली कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही टेंडर डालने वाली एजेंसी से पूर्व में किए गए काम के दौरान जमा पीएफ और ईएसआईसी का 6 माह का चालान का ब्यौरा मांगा गया है। दो कंपनियां रही पात्र, एलमेक को मिला काम रिसाली नगर निगम के सफाई का टेंडर 23 दिसंबर को खुला गया। इसमें एलमेक टेक्नोक्रेट्स L1 व भारतीय सिक्योरिटी सर्विसेस L 2 रही है। जिसमें इनके अलावा भी उक्त निविदा में 4 अन्य कंपनियों ने भाग लिया। जिनके दर नहीं खोले गए। उन कंपनियों में प्रमुख रूप से मैसर्स रविंद्र प्रसाद, मेसर्स रुद्रा कांस्टेक्शन, मैसर्स प्रमोद पांडे और मैसर्स शंकर प्रसाद शर्मा का नाम रहा। निविदा शर्त की पूरा ना करने के चलते इनका टेंडर नहीं खोला गया । पीवी रमन ने नहीं जमा किया था मजदूरों का पीएफ ईएसआईसी रिसाली नगर निगम और भिलाई नगर निगम में इससे पहले ठेकेदार पीवी रमन ने सफाई का ठेका लिया था। इसके द्वारा यहां करोंडों का टेंडर लिया गया, लेकिन उसके अंडर में काम करने वाले सैकड़ों सफाई कर्मियों का पीएफ और ईएसआईसी नहीं जमा किया गया। यहां तक की रिसाली निगम प्रशासन ने पीवी रमन के खिलाफ थाने में भी शिकायत की थी। भिलाई की वर्तमान ठेका कंपनी ने भी किया घोटाला भिलाई नगर निगम में नागपुर की ‘मेसर्स अर्बन इनवायरो वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड’ कंपनी सफाई का काम कर रही है। इस कंपनी ने सफाई कर्मचारियों का ईएसआईसी और पीएफ की राशि का करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। यहां के पार्षदों की टीम ने भी जांच में यही रिपोर्ट सौंपी है। इसके बाद भी भिलाई नगिम प्रशासन फिर से इसी कंपनी को सफाई का ठेका देने की मंजूरी दे रहा है। इससे यह टेंडर काफी विवादों में है। रिसाली निगम के दर से कई गुना महंगा टेंडर नगर पालिक निगम रिसाली ने अपने 40 वार्डों में सफाई के लिए 12 करोड़ 29 लाख रुफए का सफाई का टेंडर पास किया है। वहीं भिलाई नगर निगम में 70 वार्ड हैं। इसके बाद भी यहां रिसाली निगम से तीन गुना से भी अधिक रेट लगभग 50 करोड़ 28 लाख का ठेका पुरानी कंपनी नागपुर की ‘मेसर्स अर्बन इनवायरो वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड’ को दिए जाने की प्रक्रिया की जा रही है।

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