दो महीने पहले भिलाई में हुए बदमाश अमित जोश के एनकाउंटर मामले में दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है। अब इस मामले दंडाधिकारी जांच छावनी एसडीएम हितेश पिस्दा करेंगे। पिस्दा ने जांच शुरू करते ही आम लोगों से अमित जोश से जुड़ी जानकारी मांगी है। पुलिस ने भिलाई नगर थाना अंतर्गत जयंती स्टेडियम के पीछे फारेस्ट एवेन्यू में 8 नवम्बर 2024 को हुए नामी बदमाश जोश का एनकाउंटर किया था। इसके साथ ही कलेक्ट्रेट से आम लोगों को यह जानकारी दी गई है कि यदि कोई व्यक्ति इस एनकाउंटर मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा करना चाहता है तो वो 9 जनवरी 2025 तक एसडीएम छावनी के कार्यालय (दुर्ग कलेक्ट्रेट कक्ष क्रमांक 23) में उपस्थित होकर दे सकता है। भिलाई में गोलीकांड का आरोपी था अमित जोश अमित जोश भिलाई के ग्लोब चौक में हुए गोलीकांड का मुख्य आरोपी था। वो कई महीनों से फरार चल रहा था। उस पर दुर्ग पुलिस ने 35 हजार का इनाम भी घोषित किया था। 4 महीने तक फरार रहने के बाद बीते 8 नवंबर को क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली की जोश भिलाई में देखा गया है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की घेराबंदी की। पुलिस का कहना है कि जैसे ही जोश ने देखा कि पुलिस उसे गिरफ्तार करेगी तो उसने पुलिस के ऊपर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में उसे पुलिस की कई गोलियां लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 35 से अधिक मामले थे जोश के खिलाफ दर्ज जोश दुर्ग जिले का कुख्यात अपराधी था। वो सेक्टर-6 में रहता था और भिलाई नगर पुलिस का निगरानी बदमाश था। उसके खिलाफ दुर्ग-भिलाई के अलग-अलग थानों में मारपीट और गंभीर अपराधों में करीब 35 केस दर्ज हैं। इसमें 25 मामले अकेले भिलाई नगर थाने में दर्ज है। इसके अलावा 4 मामले सुपेला थाना, 1 दुर्ग कोतवाली, 2 नेवई थाना, 1 खुर्सीपार, 2 पदमनाभपुर में दर्ज हैं। बाइक सवार तीन लड़कों पर बेवजह चलाई थी गोली 25 जून को आरोपी अमित जोश की एनिवर्सरी पार्टी थी। वो और उसके दोस्त शराब के नशे में थे। वो लोग रात में 1-2 बजे के बीच पार्टी करने के बाद बाइक से घूमने निकले थे। जैसे ही ग्लोब चौक के आगे पहुंचे उन्हें बाइक पर जाते हुए तीन लड़के दिखे। वो लड़के भी शराब के नशे में थे। जोश ने उन्हें कुछ कहा तो नशे में उन्होंने भी उसे जवाब दे दिया। ये बात जोश को बर्दाश्त नहीं हुई और उसने तुरंत अपने पास रखी पिस्टल निकाली और तीनों लड़कों पर तीन राउंड फायर कर दिया। हमले में सुनील यादव और आदित्य सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। इसी घटना के बाद से जोश फरार चल रहा था। BSP क्वॉर्टर में कब्जा कर उन्हें देता था किराए पर अमित जोश की आय का मुख्य श्रोत बीएसपी के क्वार्टर हैं। जोश के साथ साथ उसकी मां उसका बाप, उसकी बहन और बहनोई सभी अपराधिक प्रवृत्ति के थे। जोश बीएसपी क्वॉर्टर्स पर कब्जा कर उन्हें लोगों को किराए पर चढ़ा देता था। इससे वो और उसका परिवार मोटीकमाई कर लेते थे। इनके डर से बीएसपी के अधिकारी भी उन पर कार्रवाई करने से डरते थे। दुर्ग सेंट्रल जेल के असिस्टेंट जेलर के घर किया था हमला जोश इतना खुंखार अपराधी था कि 2 साल पहले उसने दुर्ग केंद्रीय जेल के असिस्टेंट जेलर अशोक साव के घर पर हमला कर दिया था। वो और उसके साथी हथियारबंद होकर साव के घर का दरवाजा तोड़ने की कोशिश किए थे। पुलिस ने इस मामले में अमित जोश को गिरफ्तार किया था।