पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का छत्तीसगढ़ में हाल-बेहाल है। प्रदेश का पहला इक्यूबेशन सेंटर 36 आईएनसी सिटी सेंट्रल मॉल रायपुर में संचालित हैं। मॉल का मेंटेनेंस न देने से इसका पानी बंद कर दिया गया है। वाई-फाई, सर्वर और सीसीटीवी पहले से बंद हैं। दो लिफ्ट में से एक कभी-कभार चलती है। दूसरी स्थायी तौर पर बंद कर दी गई है। एक समय यहां स्पेस लेने के लिए कतार लगती थी। 350 कुर्सियां भरी रहती थीं। अब 110 लोग ही यहां आते हैं। 127 स्टारअप रजिस्टर्ड हैं। लेकिन सिर्फ 25 ही यहां काम कर रहे हैं। ये भी एक-एक कर छोड़ने की तैयारी में है। दरअसल, 36 आईएनसी देश में दूसरा एरिया वाइज सबसे बड़ा इन्क्यूबेशन सेंटर था। 2018 में जब शुरुआत हुई तो 25 स्टार्टअप एक साथ आए। इससे स्टार्टअप के मामले में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया। उस समय आईआईएम रायपुर के प्रोफेसर राजीव रॉय को पहला सीईओ बनाया गया। जून 2019 में वे चले गए। तब से चिप्स के एडिशनल सीईओ को इसका प्रभारी बना दिया गया। सरकार बदली और कांग्रेस काल से परिपाटी चली आ रही है। राज्य सरकार ने इस बार स्टार्टअप को 9 करोड़ रुपए का बजट दिया है, लेकिन इसे आज तक नहीं निकाला गया। पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बेहाल… देनदारी में दब रहा सेंटर 2018 में पहला सरकारी इन्क्यूबेशन सेंटर सिटी सेंट्रल मॉल में खोला गया। तब मॉल आरडीए के अधीन था। उसने सेंटर के लिए 32 हजार वर्गफीट एरिया अलॉट किया था। सेंटर चिप्स के अधीन संचालित हो रहा है। आरडीए ने 22 रुपए प्रति स्क्वॉयर फीट किराया तय कर रखा है। 2020 तक आरडीए को किराया दिया गया, लेकिन कोविड के बाद से सेंटर ने किराया देना बंद कर दिया। यह दो करोड़ रुपए के करीब हो चुका है। 2023 में मॉल को कोलकता के आरडीबी ग्रुप ने खरीद लिया। लेकिन विरोध पर 36 आईएनसी का हिस्सा नहीं बिका। मॉल ने सेंटर पर मेंटनेंस चार्ज 42 रुपए प्रति स्कवॉयर फीट तय कर दिया। सेंटर ने एक भी महीने का मेंटनेंस नहीं दिया। अब यह करीब 2 करोड़ रुपए हो गया है। मेंटनेंस न मिलने की वजह से कभी एसी बंद कर दी जाती है तो कभी लाइट काट दी जाती है। वर्तमान में लीकेज की समस्या बताकर पानी की लाइन काट दी गई है। मॉल में रिनोवेशन के समय बारिश का पानी आने से कई जगह फॉल सिलिंग गिर चुकी है। कई जगह सीलन आ रही है। टेबल और फर्नीचर को भी काफी नुकसान हुआ, जिसे स्टार्ट अप खुद से सुधारकर चला रहे हैं। परेशानी की कहानी… स्टार्टअप कर रहे लोगों की जुबानी ये भी बड़ी वजह
36 आईएनसी केवल एक कोवर्किंग स्पेस नहीं था। उद्यमिता संबंधी समस्त ज्ञान एवं संसाधन उपलब्ध कराने के ध्येय से इसकी शुरुआत की गई थी। स्थापना के शुरुआती दिनों में ही पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस कर इस सेंटर के स्टार्टअप और अधिकारियों से चर्चा की थी। 2019 के बाद से सब कुछ बंद हो गया है। यही वजह है कि सोशल सेलर नाम की बड़ी स्टार्ट कंपनी कुछ दिन पहले यहां से छोड़कर दूसरी जगह शिफ्ट हो गई। इसके साथ ही फिनोलॉजी ने कमरा नंबर 317 ले रखा था, वे भी पूरे स्टॉफ के साथ शिफ्ट हो गए हैं। फैबलैब ने सिर्फ सामान रखकर छोड़ दिया है। स्मार्ट यात्री कंपनी भी दूसरी जगह शिफ्ट हो चुकी है। 36 आईएनसी के लिए नवा रायपुर में नई व्यवस्था की जा रही है। इसमें सब सुविधाएं होंगी। स्टार्ट अप को अच्छा वातावरण मिलेगा। -निहारिका बारिक, प्रमुख सचिव, इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी विभाग
