भास्कर न्यूज | बैकुंठपुर पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा पास करने के लिए दूसरा मौका दिया जाएगा। लेकिन दूसरी बार भी परीक्षा पास नहीं कर पाने की स्थिति में कक्षा पांचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों को पास नहीं किया जाएगा। उन्हें उसी कक्षा में फिर से पढ़ना पड़ेगा। इस नय नियम के लागू होने के बाद से अब कमजोर बच्चों को चिंहित करने काम शुरू कर, उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिससे परीक्षा में दूसरा मौका मिलने पर पास हो जाए। जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आरटीई के तहत पूर्व में कक्षा आठवीं तक के किसी भी विद्यार्थी को फेल नहीं करने का प्रावधान था। इससे शिक्षा का स्तर प्रभावित हो रहा था। हालांकि वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए कक्षा पांचवीं व आठवीं के बच्चों को पास नहीं होने की स्थिति में दोबारा परीक्षा देने का प्रावधान कर दिया था, लेकिन छत्तीसगढ़ में यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई थी। हाल ही में राज्य सरकार ने 2019 के आदेश को मानते हुए संशोधन कर यह निर्धारित किया था कि कक्षा पांचवीं और आठवीं के फेल होने वाले विद्यार्थियों को दोबारा परीक्षा देनी होगी और उन्हें प्रोन्नति दी जाएगी। इसमें केंद्र सरकार ने निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन कर दिया है। 16 दिसंबर को इसकी अधिसूचना जारी की गई थी, अब उसे भारत सरकार के राजपत्र में 21 दिसंबर को प्रकाशित कर दिया गया है। भारत के राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून देश भर में लागू हो गया है। नियम में ये बदलाव किया गया राजपत्र में स्पष्ट किया गया है कि दो बार फेल होने वाले कक्षा पांचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों को रोक दिया जाएगा। फेल होने वाले विद्यार्थियों के माता-पिता से स्कूल के शिक्षकों को संपर्क करना होगा। इसके बाद उन्हें बच्चों के फेल होने के कारणों को समझाना होगा। स्कूल के प्रधान पाठकों को फेल होने वाले विद्यार्थियों की सूची बनानी होगी। साथ ही यह भी देखना होगा कि विद्यार्थी किन विषयों में कमजोर हैं। एक बार जिन विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है, उन्हें पांचवीं तक स्कूल से निकाला नहीं जा सकेगा। कमजोर विद्यार्थियों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं : डीईओ डीईओ जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि नए नियम के अनुसार अब कमजोर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जा जाएगा। नए नियम की जानकारी मिलने के बाद से सभी स्कूलो में पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों की पहचान करने के निर्देश दिए गए है। उन्हें कमजोर विषय में मजबूत करने के लिए अलग से स्कूल में ही कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी।