भास्कर न्यूज | राजनांदगांव जिले के मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। आसमान में बादल छाने से कभी ठंड गायब हो रही, तो कभी बादल छंटने और धूप निकलते ही ठंड बढ़ जाती है। इस तरह के मौसम के कारण जिले में वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ गया है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में है। अधिकांश मरीजों में एक जैसे लक्षण है वहीं सर्दी और खांसी को ठीक होने में आम दिनों के मुकाबले ज्यादा समय लग रहा है। वायरल के कुछ मरीजों में निमोनिया के लक्षण मिल रहे जिनका इलाज किया जा रहा है। वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ने के कारण मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग और चाइल्ड विभाग के अधिकांश बेड फुल है। सामान्य दिनों में मेडिसिन विभाग की ओपीडी में जहां वायरल फीवर से पीड़ित 10 मरीज आते हैं। वहीं वर्तमान में उनकी संख्या दुगुनी हो गई है। इस समय यहां की ओपीडी में 20 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें तेज बुखार वाले मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। दिवाली के बाद से वायरल के मरीजों की संख्या कम थी। लेकिन सप्ताहभर में अचानक उनकी संख्या बढ़ गई है। अधिकतर मरीजों में एक जैसे लक्षण: डॉ. प्रकाश मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. प्रकाश बुजुर्ग ने बताया कि मौसम के चलते वायरल मरीजों की संख्या बढ़ी है। बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर इसका ज्यादा असर पड़ता है। अधिकांश मरीजों में एक जैसे लक्षण है और कई मरीजों में निमोनिया के सामान्य लक्षण मिल रहें है। यह फैलने वाला वायरल फीवर है और अभी इससे पीड़ित मरीजों की सर्दी-खांसी को ठीक होने में सप्ताहभर का समय लग रहा है। जिले के कई गांवों में डायरिया और स्वाइन फ्लू का प्रकोप थमने से लोगों को राहत विगत दिनों जिले के कई गांवों में डायरिया, पिलिया, स्वाइन फ्लू का प्रकोप था। अभी ऐसे मरीज नहीं है। मलेरिया एवं डायरिया से पीड़ित 1-2 मरीजों का इलाज जारी है। मेडिकल कॉलेज में रोज वायरल के 5-6 मरीज भर्ती हो रहे इतने स्वस्थ भी हो रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन और चाइल्ड विभाग की ओपीडी में रोज करीब 20 मरीज पहुंच रहें है। दोनों विभागों में कुल बेड में 60-70 प्रतिशत बेड में मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। वायरल फीवर को ठीक करने में काम आने वाली दवा और इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता भी बताई जा रही है। बच्चों को ठंड से बचाना बेहद जरूरी: डॉ. कमलेश जिला अस्पताल के 100 बेड मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट में 30 बेड के बच्चा वार्ड में 26 बेड में वायरल से पीड़ित बच्चों को भर्ती किया गया है। एसएनसीयू के सभी बेड में नवजात भर्ती है। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. कमलेश जंघेल ने बताया कि कुछ बच्चों में सूखी खांसी की शिकायत है जिसे ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है। बच्चों को ठंड से बचाना जरूरी है। फैलने वाला संक्रमण है सावधानी बरतें।