भास्कर न्यूज | महासमुंद राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत महासमुंद जिले की 292 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। इस अद्वितीय उपलब्धि के साथ महासमुंद जिले ने छत्तीसगढ़ प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्टता और टीम वर्क का प्रतीक है। मेडिकल कॉलेज रायपुर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सीएम विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने महासमुंद जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विकास चंद्राकर को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। सीएमएचओ डॉ. कुदेशिया ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सभी की प्रतिबद्धता और सामूहिक प्रयासों की अहम भूमिका रही है। टीबी मुक्त गांव बनाने में स्वास्थ्य कार्यकर्ता और मितानिनों ने निभाई अहम भूमिका: जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विकास चंद्राकर ने बताया कि नियमित जांच, समर्पित इलाज और जन जागरूकता अभियान के कारण यह उपलब्धि संभव हो सकी है। टीबी मुक्त अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने जिले में हर स्तर पर बेहतर सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने में सबसे ज्यादा मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सरपंचों का योगदान रहा। गांव – गांव में मितानिन और स्वास्थ्य कार्यकर्ता सुबह से ही लोगों को जागरूकता अभियान चलाने निकल जाते थे।