पौष माह में मासिक शिवरात्रि
पंचांग के अनुसार, 29 दिसंबर, रविवार को सुबह 3 बजकर 32 मिनट से पौष माह (Paush Month) में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शुरू होगी और 30 दिसंबर सोमवार को सुबह 4 बजकर 1 मिनट तक रहेगी. पौष माह की शिवरात्रि का व्रत 29 दिसंबर, रविवार को रखा जाएगा.
मासिक शिवरात्रि पूजा विधिमासिक शिवरात्रि का व्रत रखने वाले शिव भक्तों को इस दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प करना चाहिए. सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद पूजा वाली जगह पर भगवान शिव और माता पार्वती (Mata Parvati) के चित्र की स्थापना करनें और शिवलिंग का कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करें. भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और भांग अर्पित करें और माता पार्वती को सुहाग सामग्री अर्पित करें. दीया जलाकर भगवान शिव की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ करें. भगवान शिव और माता पार्वती को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाकर सभी में प्रसाद बांटा जाता है.
मासिक शिवरात्रि का महत्वभविष्य पुराण के अनुसार भगवान शिव की भक्ति में मासिक शिवरात्रि व्रत का बहुत महत्व है. मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की के साथ-साथ शिव परिवार के सभी सदस्यों की पूजा-अर्चना फलदयी होती है. इस दिन की पूजा कर भक्त भगवान शिव से जीवन में सुख-शांति की कामना करते हैं. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि को शिवालय या घर के पूर्व भाग में बैठकर शिव मंत्रों का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. मासिक शिवरात्रि की पूजा (Masik Shivratri Puja) के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए. इस व्रत को करने से विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. इस दिन गंगाजल और शहद से शिवलिंग का अभिषेक करने से विवाह के योग बनने लगते हैं.