छात्रावासी बच्चों के अध्यापन का पूर्ण उत्तरदायित्व अधीक्षक पर, अनाधिकृत व्यक्ति को छात्रावास में प्रवेश न दें – कलेक्टर
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित शासकीय एवं अनुदान प्राप्त छात्रावास आश्रम के अधीक्षकों का एक दिवसीय समीक्षा सह प्रशिक्षण कार्यशाला सँयुक्त जिला कार्यालय सूरजपुर के सभाकक्ष में 12 जुलाई को आयोजित किया गया।
कलेक्टर सूरजपुर रोहित व्यास ने अधीक्षकों को निर्देश दिए कि बच्चों से गार्जियन जैसा व्यवहार करें तथा उन्हें निर्धारित मेन्यू अनुसार गुणवत्तापूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर भोजन प्रदाय करें, और उनके हाईजीन का ध्यान रखें। छात्रावासी बच्चे पूरे समय अधीक्षक के निगरानी में रहते हैं अतः उनके अध्यापन का पूर्ण उत्तरदायित्व अधीक्षकों का होगा। परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत होना चाहिए साथ ही उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिए छात्रावास स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे निबंध लेखन, शुद्धलेख , ड्रामा , चित्रकारी इत्यादि प्रतियोगिताओं का साप्ताहिक आयोजन करें। समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालें और प्रार्थना के समय प्रमुख समाचार और प्रेरक वाक्य बच्चों द्वारा सुनाया जावे। कलेक्टर रोहित व्यास ने कॅरियर काउंसलिंग कराने का निर्देश सहायक आयुक्त को और छात्रावासी बच्चों के खेलगतिविधियों में विकास विकास हेतु नजदीकी विद्यालय के पी.टी.आई. से मिलकर कार्यक्रम बनाने का निर्देश मंडल संयोजक को दिया।
इस एक दिवसीय प्रशिक्षण में सहायक आयुक्त के विश्वनाथ रेड्डी ने छात्रावास संचालन के विभिन्न बिंदुओं- संस्था का प्रबंधन एवं नियंत्रण, मेस संचालन, शयन कक्ष किचन स्टोर की व्यवस्था, शौचालय भवन पानी बिजली की व्यवस्था, अभिलेखों का संधारण, स्वच्छता स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन, सह शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन, निगरानी समिति की बैठक, पालक समिति की बैठक, सही समय पर जानकारियों का प्रेषण, अधीक्षक का व्यक्तित्व एवं रुचि, कानूनी प्रावधानों सहित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए निर्देश दिए। सहायक आयुक्त के. विश्वनाथ रेड्डी ने छात्रावास अधीक्षकों को कहा कि आपके छात्रावास में ग्रामीण अंचलों से अलग-अलग परिवारों और परिवेश में रहने वाले छात्र छात्राएं आते हैं जिनके शैक्षणिक एवं संपूर्ण व्यक्तित्व विकास की जिम्मेवारी छात्रावास अधीक्षक की होती है। छात्रावास में बच्चों को साफ-सुथरी व्यवस्था और गुणवत्ता युक्त पौष्टिक भोजन प्राप्त हो। साथ ही बच्चों के शैक्षणिक विकास के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे नवोदय, एकलव्य, प्रयास,जवाहर उत्कर्ष की तैयारी, गृह कार्य का पर्यवेक्षण नियमित रूप से करें। विद्यालयों के शिक्षकों से छात्रावासी बच्चों के शैक्षणिक स्तर उनकी विद्यालय में नियमित उपस्थिति की जानकारी लेते रहें। सहायक आयुक्त रेड्डी ने छात्रावास अधीक्षकों को अनिवार्य रूप से छात्रावास में निवास करने, शाम को बच्चों के अध्ययन के समय उपस्थित रहने, आदर्श समय सारिणी का पालन, छात्रावासी बच्चों का शत प्रतिशत जाति प्रमाणपत्र बनवाने ,कर्मचारियों के मध्य कार्यों का उचित बंटवारा, बच्चों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु विद्यालय के शिक्षकों से सहयोग प्राप्त करने, पेयजल हेतु RO का उपयोग, वृक्षारोपण, वाटर हार्वेस्टिंग, बागवानी किचन गार्डन सहित छात्रावास संचालन के सभी बिंदुओं पर निर्देश दिया। प्रशिक्षण में मंडल संयोजक – अशोक उपाध्याय , अजय राजवाड़े , रहमान खान, अनीस गुप्ता,दिनेश सिंह छात्रावास शाखा प्रभारी विकास कुशवाहा, सहित जिले में संचालित सभी छात्रावास/आश्रमों के अधीक्षक उपस्थित थे।
अंत में सहायक आयुक्त के विश्वनाथ रेड्डी ने नए सत्र में आदर्श छात्रावास संचालन की शुभकामनाएं देते हुए एक दिवसीय प्रशिक्षण का समापन किया।