खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने सिमगा विकासखण्ड के ग्राम नवापारा में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि राज्य की नई सरकार में आदिवासियों का मान सम्मान बढ़ा है। आदिवासियों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक विकास के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। विगत पन्द्रह साल से अथक मांग के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नई सरकार ने आदिवासियों की सुनी और विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश की घोषणा की। इससे आदिवासियों का स्वाभिमान बढ़ा है। कार्यकम की अध्यक्षता पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुनील माहेश्वरी ने की। खाद्य मंत्री श्री भगत ने कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले कर्मा नृत्य दल को सामग्री क्रय करने के लिए 25 हज़ार प्रदान करने की घोषणा की।
खाद्य मंत्री श्री भगत ने नवागांव के बूढ़ादेव मन्दिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों, ग्रामीणों और गरीबों की सरकार है। सरकार बनने के दो घण्टे के भीतर ही हमनें किसानों के कर्ज़े माफ कर दिए। राज्य की 80 प्रतिशत आबादी को इससे फायदा हुआ। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की पुख्ता व्यवस्था की। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अन्तर्गत उत्पादन के लिए प्रति एकड़ 9 हज़ार रुपये प्रोत्साहन राशि दे रहे हैं। तेंदूपत्ता की खरीदी मूल्य 2500 रुपये मानक बोरा से 4000 मानक बोरा किये हैं। पूरे देश में सबसे ज्यादा कीमत पर तेंदूपत्ता की खरीदी करने वाला राज्य छत्तीसगढ़ है। हमारी सरकार ने 52 प्रकार के वनोपजों की खरीदी की व्यवस्था की है। जबकि पिछले पंद्रह साल तक केवल 7 प्रकार के वनोपज खरीदे जा रहे थे। श्री भगत ने कहा कि कोरोना काल में हमनें घर-घर राशन पहुंचाई है। एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोया है। समारोह को जिला पंचायत के पूर्व सदस्य श्री सुनील माहेश्वरी, जिला अध्यक्ष श्री हितेन्द्र ठाकुर, मौली महासभा अध्यक्ष टेकसिंह ध्रुव, श्रम कल्याण मण्डल सदस्य। सतीश अग्रवाल, श्री सुशील शर्मा, श्री अभिनव यदु एवं सरपंच श्री रमेश साहू ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर आदिवासियों के परंपरागत सुआ, कर्मा नृत्य दलों ने मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सर्व आदिवासी समाज के लोग एवं ग्रामीण उपस्थित थे।

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