कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले अशोक चव्हाण ने इस मुलाकात के बारे में कहा कि निरुपम के साथ मेरी सियासी मुलाकात नहीं थी, मेरे उनके कई साल पुराने संबंध हैं.

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका चल रहा है. यह चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले अशोक चव्हाण से संजय निरुपम ने मुलाकात की है. इससे बाद से चर्चा है कि संजय निरुपम भी कहीं कांग्रेस ना छोड़ दें. ऐसी अटकलें इसलिए लगाई जा रही हैं क्योंकि संजय निरुपम मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जबकि शिवसेना उद्धव गुट ने यहां से अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. अगर कीर्तिकर के नाम पर गठबंधन की ओर से मोहर लगी तो संजय निरुपम भी क्या अशोक चव्हाण या मिलिंद देवड़ा की तरह पार्टी छोड़ देंगे?

हालांकि, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले अशोक चव्हाण ने इस मुलाकात के बारे में कहा कि निरुपम के साथ मेरी सियासी मुलाकात नहीं थी, मेरे उनके कई साल पुराने संबंध हैं.

वहीं, शिवसेना उद्धव गुट के नेता अनिल परब ने संजय निरुपम पर निशाना साधते हुए कहा कि निरुपम का लोकसभा सांसद बनने का सपना सपना ही रहेगा,वो चाहें तो बीजेपी से लड़ सकते हैं. मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने इस मुलाकात पर कहा कि जिसे जाना है जाए.

इसी बीच रिपोर्ट्स हैं कि MVA और NDA दोनों गठबंधनों में सीट बटवारे की पहेली जल्द सुलझाने के आसार हैं. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी की मुंबई में 17 मार्च को होने वाली रैली के बाद MVA के सीट बंटवारे पर मुहर  लगेगी. सूत्रों की माने तो MVA गठबंधन के बीच 8 सीटो ऐसी सीटें है, जिन पर अब भी बात नहीं बन सकी है.

दूसरी ओर महायुति गठबंधन के बीच भी 80% सीटों पर बातचीत पूरी होने का दावा किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने अजीत पवार की पार्टी एनसीपी को 4 सीट देना तय किया है, लेकिन एनसीपी कम से कम 7 सीट चाहती है. एनसीपी को मिलने वाली सीटें बारामती, शिरूर,रायगढ़ और परभणी हैं, जबकि वो सातारा, गढ़चिरौली और धाराशिव सीट पर भी दावा कर रही है. वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे कम से कम 13 सीट चाहते हैं. दूसरी ओर महाराष्ट्र बीजेपी 30 से कम सीटों पर लड़ने को तैयार नहीं है.

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